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देश में बड़ी साजिश नाकाम, यूपी के सहारनपुर में ATS ने दबोचा आतंकवादी

लखनऊ में यूपी एटीएस ने सहारनपुर से आतंकी बिलाल खान को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी के पाकिस्तानी हैंडलर्स से करीब 4000 नंबरों पर संपर्क बने थे और वह सोशल मीडिया के माध्यम से देश में अराजकता फैलाने की योजना में सक्रिय था।
Post Published By: Subhash Raturi
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देश में बड़ी साजिश नाकाम, यूपी के सहारनपुर में ATS ने दबोचा आतंकवादी

Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश ATS ने सहारनपुर जिले से बिलाल खान नामक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसे रिमांड पर ले लिया है और उसके खिलाफ गहन पूछताछ जारी है। एटीएस की ओर से बताया गया है कि आरोपी का संबंध Al Qaeda in the Indian Subcontinent (AQIS) नामक संगठन से है, जो देश तथा विदेश में प्रतिबंधित है।

पुलिस ने बताया कि पूछताछ में यह सामने आया है कि बिलाल खालने पाकिस्तानी मोबाइल नंबरों से लगातार सम्पर्क में था लगभग 4 000 ऐसे नंबर सामने आए हैं, जिनसे उसे हैंडलर्स द्वारा निर्देश मिलते थे। वह सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स का इस्तेमाल कर देश में अराजकता फैलाने की योजना में शामिल था तथा पहलगाम आतंकी हमला को लेकर भड़काऊ वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा कर चुका था।

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आरोपियों के दायरे व नेटवर्क

एटीएस अधिकारियों के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी से उसके सहयोगियों, मददगारों और आने वाले मंसूबों के बारे में गहरी पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में यह भी पता चला है कि आरोपी सोशल मीडिया हैंडल्स, ग्रुप्स व मैसेजिंग ऐप्स के माध्यम से कट्टरवाद को बढ़ावा दे रहा था। साथ ही, पाकिस्तानी नंबरों के ज़रिए उसे ख़ुद निर्देश मिलते थे और वह उन्हें देश में सक्रिय करने की भूमिका निभा रहा था।

अधिकारी का बयान

आईजी लॉ एंड ऑर्डर यूपी, एल आर कुमार ने पत्रकारों को बताया कि यह गिरफ्तारी एटीएस की बड़ी कामयाबी है। उन्होंने कहा कि इस तरह के गिरोहों की जड़ें गहरी हैं और समय पर सर्च-सिग्नल्स मिलने पर ही कार्रवाई संभव हो पाती है। उन्होंने चेताया कि सोशल मीडिया व इंटरनेट की बढ़ती भूमिका के कारण आतंकवादी नेटवर्क अब गुमनाम तरीकों से काम कर रहे हैं, इसलिए सतर्कता बेहद जरूरी है।

आगे की कार्रवाई

पुलिस ने बताया है कि अब बिलाल खाँ के सहयोगियों का तुलनात्मक विश्लेषण किया जा रहा है, उनमें किन-किन स्थानों पर उससे सम्पर्क था, किस तरह के हैंडलर्स थे, सोशल मीडिया पर किस प्रकार की सामग्री साझा की गई थी और आगे क्या योजनाएं थीं यह सब जांच का हिस्सा हैं। इसके साथ ही एटीएस ने कहा कि संचार एवं इंटरनेट-ट्रैकिंग टीमों को तैनात किया गया है ताकि अन्य संदिग्धों तक पहुँच पाई जा सके।

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क्यों है इस गिरफ़्तारी का महत्व?

उन्नाव प्रदेश आतंकवादी मॉड्यूल के खिलाफ पहले से सक्रिय है, लेकिन इस तरह का मामला इसलिए अहम है क्योंकि एक व्यक्ति को पकड़ना शेष नेटवर्क तक पहुँचने का संकेत देता है। आरोपी का 4 000 पाकिस्तानी नंबरों से संपर्क होना दर्शाता है कि यह एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है, न कि अकेला आतंकी। इसके अलावा सोशल मीडिया के माध्यम से देश के अंदर कट्टर विचारधारा का प्रसार और अराजकता फैलाने का प्रयास भी चिंताका विषय है।

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