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UP का ये है रहस्यमयी कुआं जो बताता है कब होगी मौत, जानें पूरी खबर

यूपी के एक ऐसे कुएं के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में मान्यता है कि यह कुआं मृत्यु का संकेत देता है।
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UP का ये है रहस्यमयी कुआं जो बताता है कब होगी मौत, जानें पूरी खबर

काशी: इस दुनिया में कई ऐसी रहस्यमयी चीजें हैं जो विज्ञान के नियमों को पीछे छोड़ देती हैं। कई ऐसी मान्यताएं हैं जिन पर विज्ञान सटीक नहीं बैठता, लेकिन फिर भी लोग इन मान्यताओं पर पूरा भरोसा करते हैं।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, हम आपको यूपी के एक ऐसे कुएं के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में मान्यता है कि यह कुआं मृत्यु का संकेत देता है। काशी में स्थित विद्यालय के बारे में कहा जाता है कि अगर इस कुएं में किसी व्यक्ति की परछाई नहीं दिखती तो अगले छह महीने में उसकी मौत हो जाती है।

काशी को बाबा विश्वनाथ का निवास स्थान

धार्मिक नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ का प्राचीन मंदिर है। काशी को बाबा विश्वनाथ का निवास स्थान कहा जाता है। जहां जगह-जगह भगवान शिव से जुड़े मंदिर हैं जिनकी अपनी-अपनी मान्यताएं हैं। काशी में धर्मेश्वर महादेव नाम का एक प्राचीन मंदिर है। इस प्राचीन मंदिर के बारे में मान्यताएं हैं कि यहां भगवान शिव और यमराज देव एक साथ विराजते हैं। यहीं पर भगवान शिव के यमराज को मोक्ष प्राप्त करने वालों का लेखा-जोखा रखने की जिम्मेदारी दी गई थी। ‌

आसपास के लोगों में ऐसी मान्यता

लोगों के मुताबिक,धर्मेश्वर महादेव प्राचीन मंदिर में बने धर्म कुएं का निर्माण स्वयं यमराज ने किया था। ऐसी मान्यता है कि कुएं में जाने वालों की परछाई कुएं में दिखाई देती है और जिस व्यक्ति की परछाई कुएं में नहीं दिखाई देती, उस व्यक्ति की अगले 6 महीने में मृत्यु हो जाती है। हालांकि इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन आसपास के लोगों में ऐसी मान्यता है। माना जाता है कि भगवान शिव धरती पर मर रहे लोगों को स्वर्ग या नर्क ले जाने की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे थे।

यमराज ने ऐसा ही किया और भगवान शिव..

मान्यता के मुताबिक,  ऐसे में यमराज भगवान शिव को खुश करने के लिए तपस्या कर रहे थे,मगर भगवान शिव को प्रसन्न करने में स यमराज को सफलता नहीं मिल रही थी।जिसके बाद भगवान विष्णु ने यमराज को एक तालाब बनाने और उसमें स्नान कर भगवान की तपस्या करने की सलाह दी। वहीं ऐसे में यमराज ने ऐसा ही किया और भगवान शिव यमराज से खुश हो गए। इसके बाद स्वर्ग और नर्क ले जानें वाले जिम्मेदारी भगवान ने यमराज को सौंप दी।

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