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बकेवर स्वास्थ्य केंद्र के गेट में लटकता रहा ताला, रात भर तड़पती रही प्रसव पीड़िता, गेट पर हुआ महिला का प्रसव, वीडियो वायरल

जनपद के बकेवर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मंगलवार की रात एक गर्भवती महिला दो छोटे बच्चों के साथ अस्पताल पहुंची, लेकिन अस्पताल का गेट बंद मिला और कोई भी स्टाफ बाहर नहीं निकला। रात भर महिला प्रसव पीड़ा से गेट पर ही तड़पती रही और सुबह अस्पताल के गेट पर ही उसने बच्चे को जन्म दे दिया।
Post Published By: Poonam Rajput
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बकेवर स्वास्थ्य केंद्र के गेट में लटकता रहा ताला, रात भर तड़पती रही प्रसव पीड़िता, गेट पर हुआ महिला का प्रसव, वीडियो वायरल

Fatehpur: जनपद के बकेवर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मंगलवार की रात एक गर्भवती महिला दो छोटे बच्चों के साथ अस्पताल पहुंची, लेकिन अस्पताल का गेट बंद मिला और कोई भी स्टाफ बाहर नहीं निकला। रात भर महिला प्रसव पीड़ा से गेट पर ही तड़पती रही और सुबह अस्पताल के गेट पर ही उसने बच्चे को जन्म दे दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,  हैरानी की बात यह रही कि प्रसव के बाद भी अस्पताल का कोई कर्मचारी बाहर नहीं आया। जब स्थानीय ग्रामीणों ने स्थिति देखी और अधिकारियों को फोन कर सूचना दी, तब जाकर अस्पताल में सो रहे स्टाफ की नींद टूटी। आनन-फानन महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन तब तक वह नवजात को जन्म दे चुकी थी। घटना का वीडियो ग्रामीणों ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है।

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि महिला प्रसव पीड़ा में गेट पर पड़ी है और आसपास कुछ लोग मदद के लिए जुटे हैं। बताया गया कि महिला का पति पुणे में शटरिंग का काम करता है और वह प्रसव के समय मौजूद नहीं था। महिला अकेले ही अपने दो बच्चों के साथ अस्पताल आई थी। और भी हैरानी की बात यह रही कि प्रसव के महज 24 घंटे के भीतर ही अस्पताल प्रशासन ने जच्चा-बच्चा को डिस्चार्ज भी कर दिया। इस पूरी घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत को उजागर कर दिया है।

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अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. इश्तियाक ने कहा कि “महिला अपने पति से अलग रहती है और बच्चों के साथ अस्पताल आई थी। उसने किसी को आवाज नहीं दी। स्टाफ अस्पताल के अंदर ही मौजूद था। मामले की जांच CHC प्रभारी डॉ. विमलेश को सौंपी गई है, जो दो दिन में रिपोर्ट देंगे, उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।” अब देखना यह है कि इस गंभीर लापरवाही पर स्वास्थ्य विभाग क्या ठोस कार्रवाई करता है या फिर मामला फिर किसी रिपोर्ट के हवाले होकर दबा दिया जाएगा।

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