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फतेहपुर में 200 साल पुराने मकबरे पर ‘मंदिर-मकबरा’ विवाद, पूजा की घोषणा से बढ़ा तनाव

फतेहपुर जिले के रेडईया मोहल्ले में स्थित करीब 200 वर्ष पुराने मकबरे को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पदाधिकारियों ने इसे ठाकुर जी का मंदिर बताते हुए 11 अगस्त को सामूहिक पूजा-पाठ करने की घोषणा कर दी है। इस चेतावनी के बाद पुलिस-प्रशासन अलर्ट हो गया है और मकबरे के चारों ओर बल्लियों के सहारे बैरिकेडिंग कर दी गई है। किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं है।
Post Published By: Poonam Rajput
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फतेहपुर में 200 साल पुराने मकबरे पर ‘मंदिर-मकबरा’ विवाद, पूजा की घोषणा से बढ़ा तनाव

Fatehpur: फतेहपुर जिले के रेडईया मोहल्ले में स्थित करीब 200 वर्ष पुराने मकबरे को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पदाधिकारियों ने इसे ठाकुर जी का मंदिर बताते हुए 11 अगस्त को सामूहिक पूजा-पाठ करने की घोषणा कर दी है। इस चेतावनी के बाद पुलिस-प्रशासन अलर्ट हो गया है और मकबरे के चारों ओर बल्लियों के सहारे बैरिकेडिंग कर दी गई है। किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं है।

भाजपा जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल ने साफ कहा कि यह ठाकुर जी का मंदिर है और इसके लिए उन्हें जान भी देनी पड़ी तो देंगे, लेकिन पूजा-पाठ हर हाल में होगा। बजरंग दल के सह संयोजक धर्मेंद्र जनसेवक ने भी मंदिर होने का दावा किया और 11 अगस्त को बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की बात कही।

स्थानीय महिलाओं का कहना है कि इस स्थल के अंदर एक जंजीर लटकती हुई दिखाई देती है और इसका गुंबद मस्जिद के गुंबद से अलग है, इसलिए यह मंदिर है। हालांकि, कुछ लोगों ने इस विषय को पुरातत्व विभाग पर छोड़ने की बात कही और किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से इनकार कर दिया।

दूसरी ओर, राष्ट्रीय ओलमा काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी और राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद नसीम ने इसे गाटा संख्या 753 में दर्ज मकबरा बताया है और कहा कि कुछ लोग धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने जिला प्रशासन और सरकार से तत्काल हस्तक्षेप कर माहौल खराब करने की कोशिशों पर रोक लगाने की मांग की, साथ ही चेतावनी दी कि यदि यह सिलसिला नहीं रुका तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

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मौके पर भीड़ बढ़ने लगी है और पुलिस बल तैनात है। जिला प्रशासन ने अभी इस मामले में आधिकारिक बयान देने से परहेज किया है। पुरातत्व विभाग से भी रिपोर्ट मांगी जा रही है। विवाद के चलते इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है और 11 अगस्त को प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी कि वह कानून-व्यवस्था बनाए रखे।

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