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गोरखपुर में हंगामा; पार्क रोड पर किया रास्ता जाम, जानें क्या है विवाद?

पार्क रोड पर आज उस समय अफरा-तफरी मच गई जब सैंथवार मल्ल सभा के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने स्वर्गीय केदार सिंह के हाते के सामने सड़क जाम कर दी। यह प्रदर्शन पूर्व विधायक स्व. केदार सिंह की प्रतिमा और स्मारक बंगले को हटाए जाने के प्रस्ताव के विरोध में किया गया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि कुछ भू-माफिया और प्रभावशाली लोग इस स्मारक को हटाने की साजिश रच रहे हैं, जो पूर्वांचल के जननायक और गरीबों की आवाज रहे केदार सिंह की एकमात्र यादगार धरोहर है।
Post Published By: Rohit Goyal
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गोरखपुर में हंगामा; पार्क रोड पर किया रास्ता जाम, जानें क्या है विवाद?

Gorakhpur: गोरखपुर के पार्क रोड पर आज उस समय अफरा-तफरी मच गई जब सैंथवार मल्ल सभा के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने स्वर्गीय केदार सिंह के हाते के सामने सड़क जाम कर दी। यह प्रदर्शन पूर्व विधायक स्व. केदार सिंह की प्रतिमा और स्मारक बंगले को हटाए जाने के प्रस्ताव के विरोध में किया गया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि कुछ भू-माफिया और प्रभावशाली लोग इस स्मारक को हटाने की साजिश रच रहे हैं, जो पूर्वांचल के जननायक और गरीबों की आवाज रहे केदार सिंह की एकमात्र यादगार धरोहर है।

जाम की खबर मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया। एसपी सिटी अभिनव त्यागी, एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट उत्कर्ष श्रीवास्तव, एसडीएम सदर दीपक गुप्ता, सीओ कैंट योगेंद्र सिंह और डिप्टी कलेक्टर/तहसीलदार सदर ज्ञान प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर जाम हटाने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे। सैंथवार मल्ल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गंगा सिंह सैंथवार ने कहा, “यह स्मारक केवल हमारा नहीं, बल्कि पूरे पूर्वांचल की अस्मिता का प्रतीक है। इसे हटाने की साजिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो 25 अगस्त से उग्र आंदोलन शुरू होगा।

जाम के कारण पार्क रोड और आसपास के इलाकों में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। घंटों तक वाहन जाम में फंसे रहे, जिससे आम लोगों को भारी परेशानी हुई। पुलिस ने वैकल्पिक मार्गों से यातायात डायवर्ट करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शन की तीव्रता के चलते स्थिति तनावपूर्ण रही। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्मारक न केवल केदार सिंह की विरासत है, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान का हिस्सा है।

प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार होगा। फिलहाल, बातचीत जारी है, लेकिन प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं। यह मामला गोरखपुर में चर्चा का विषय बन गया है, और लोग इस बात पर नजर रखे हुए हैं कि इसका क्या हल निकलता है। अगली अपडेट का इंतजार करें, क्योंकि यह आंदोलन और तेज हो सकता है!

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