रायबरेली में कड़ाके की ठंड और शीतलहर के कारण जिला बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों का समय बदला। 18 दिसंबर 2025 से कक्षा 1 से 8 तक के सभी स्कूल सुबह 9:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक खुलेंगे, ताकि बच्चों को ठंड से राहत मिल सके।

रायबरेली में शीतलहर के बीच स्कूलों का समय बदला (सोर्स- गूगल)
Raebareli: उत्तर भारत में लगातार पड़ रही कड़ाके की ठंड और शीतलहर के कारण जिले के स्कूली बच्चों को राहत देने के लिए जिला बेसिक शिक्षा विभाग ने एक अहम फैसला लिया है। डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, अब रायबरेली के सभी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों का संचालन सुबह 9:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक किया जाएगा।
जिला कलेक्टर हर्षिता माथुर के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल सिंह ने यह आदेश जारी किया। आदेश में उल्लेख किया गया कि वर्तमान में जनपद में अत्यधिक ठंड और घना कोहरा व्याप्त है, जिससे बच्चों और स्कूल स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है। शिक्षा विभाग ने इस बदलाव के पीछे मुख्य उद्देश्य बच्चों को ठंड और शीतलहर से राहत प्रदान करना बताया।
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इस आदेश का प्रभाव कक्षा 1 से 8 तक के सभी स्कूलों पर होगा। इसमें समस्त परिषदीय विद्यालय, केजीबीवी (कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय), सहायता प्राप्त विद्यालय, राजकीय मान्यता प्राप्त स्कूल और विभिन्न बोर्डों से जुड़े सभी विद्यालय शामिल हैं। आदेश के अनुसार, प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा आठ तक के छात्र इस नए समय के अनुसार स्कूल आएंगे।
अब स्कूलों का समय सुबह 9:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक निर्धारित किया गया है। पहले स्कूल सुबह 8 बजे से प्रारंभ होते थे और दोपहर 1 बजे तक समाप्त होते थे। इस बदलाव से बच्चों को सुबह की ठंड से बचाव मिलेगा और उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ेगा। विभाग ने यह भी कहा कि स्कूलों में समय परिवर्तन के कारण शिक्षण कार्यक्रम में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आएगी और सिलेबस का पाठ्यक्रम निर्धारित समय में पूरा किया जाएगा।
कड़ाके की ठंड में बच्चों को मिली राहत
जिला बेसिक शिक्षा विभाग ने आदेश में स्पष्ट किया है कि इस बदलाव का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। अगर किसी विद्यालय या उसके प्रधानाध्यापक द्वारा आदेश का उल्लंघन किया जाता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार अग्रेत्तर कार्रवाई की जाएगी। यह कदम बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
स्थानीय स्कूलों के प्रबंधन और अभिभावक इस निर्णय से संतुष्ट हैं। कई अभिभावकों ने बताया कि सुबह जल्दी उठने और ठंड में बाहर जाने से बच्चों को समस्याओं का सामना करना पड़ता था। इस नए समय से बच्चों की नींद पूरी होगी और उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कड़ाके की ठंड में सुबह जल्दी बाहर जाने से बच्चों में सर्दी, खांसी और अन्य शीतजन्य रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। इस कारण स्कूल समय में बदलाव करने का निर्णय स्वास्थ्य दृष्टि से भी लाभकारी है।
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शीतलहर और ठंड की स्थिति के अनुसार, जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग समय-समय पर स्कूलों के समय में बदलाव कर सकते हैं। यह पहल बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा दोनों को ध्यान में रखते हुए की गई है।