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रायबरेली में स्कूल मर्जर के खिलाफ जन आन्दोलन! शिक्षक, अभिभावक ने खोला मोर्चा

रायबरेली में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय नेतृत्व के निर्देश के क्रम में विकास क्षेत्र खीरों के प्राथमिक विद्यालय केशौली प्रथम में एक जन आन्दोलन गोष्ठी आहूत की गयी।
Post Published By: Rohit Goyal
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रायबरेली में स्कूल मर्जर के खिलाफ जन आन्दोलन! शिक्षक, अभिभावक ने खोला मोर्चा

Raebareli: रायबरेली में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय नेतृत्व के निर्देश के क्रम में विकास क्षेत्र खीरों के प्राथमिक विद्यालय केशौली प्रथम में एक जन आन्दोलन गोष्ठी आहूत की गयी। अध्यक्ष नीरज हंस की अगुआई एवं पर्यवेक्षक जनपदीय प्रचार मंत्री अनुपम शुक्ला के पर्यवेक्षण में विद्यालय के शिक्षक, शिक्षामित्र, अभिभावक व छात्रों ने प्राथमिक विद्यालय केशौली प्रथम को मर्ज करके केशौली द्वितीय में जोड़ने का पुरजोर विरोध प्रकट किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता ने कहा कि इस आन्दोलन में अभिभावकों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि बिना ग्रामीणों, अभिभावकों एवं बच्चो की सहमति जन भावना के बगैर ही मनमानी तरीके से मर्ज कर दिया गया। ग्रामीण राम नरेश ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यदि सरकार को बन्द ही करना था तो अन्य व्यवस्थाएं बदल दे किन्तु हमारे नन्हे मुन्ने बच्चों के भविष्य के साथ इस तरह का खिलवाड़ ना करे।

ग्रामीण शिव बरन ने मर्जर पर अपना दर्द बयां कि जब गांव में विद्यालय नहीं था तो उसे बनवाने के लिए उन्होंने अपनी भूमि जिस पर उनका पुराना कब्जा था को विद्यालय को सौंप दी लेकिन आज इस विद्यालय को मर्ज करने से मुझे बहुत कष्ट हो रहा।

अभिभावक सावित्री देवी ने मर्जर के मामले में कहा कि इसी विद्यालय में पढ़कर मेरे दो बच्चे नवोदय विद्यालय में आज शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस विद्यालय को मर्ज करने से इस गांव का व बच्चों का विकास अवरुद्ध हो जाएगा। अभिभावक लक्ष्मी देवी ने कहा कि दूसरा विद्यालय काफी दूर भी है और वहाँ जाने का रास्ता भी सही नहीं है बारिश में तो बच्चों को उस विद्यालय भेज पाना बहुत मुश्किल काम है। अभिभावक अनिल ने बताया कि जब विद्यालय में समुचित संसाधन हैं तो इस तरह का मर्जर करने की कोइ आवश्यकता ही नहीं समझ आती।

ग्रामीण गीता देवी ने बताया कि केशौली द्वितीय जाने वाले मार्ग में एक तालाब भी पड़ता है जिसमें गत वर्ष एक बच्चा डूब कर मर गया था इसलिए हम लोग अपने बच्चों को कहीं दूसरे विद्यालय में नहीं भेजेंगे रसोइयां फूलमती तो बात करते करते फफक पड़ी और कहा कि हमारे जीवन में यह बदलाव तो नहीं होना चाहिए मुझसे इस बुढ़ापे में मेरा सहारा अर्थात मेरा रोजगार छीनना किसी भी तरह से औचित्य पूर्ण नहीं है विद्यालय की छात्रा चाहत गौतम भी रो रो कर यही कह पाई कि हमसे हमारा विद्यालय ना छीना जाए छात्र आर्यन साहू ने भी किसी दूसरे विद्यालय में पढ़ाई करने से साफ मना कर दिया, विद्यालय के सभी क्षात्र व छात्राएं आगे बढ़कर लड़ाई लड़ने की बात कही

वही जिला उपाध्यक्ष श्याम शरण यादव ने कहा कि सरकार को इस मर्जर आदेश को हर हाल में खारिज करना ही पड़ेगा अन्यथा यह आन्दोलन एक विशाल रुप में सरकार के सामने होगा। जिला प्रचार मन्त्री अनुपम शुक्ला ने कहा कि इस तरह के नये नये प्रयोगों को करने के लिए सरकार को शिक्षा और शिक्षालय ही मिलते हैं। सरकार को इस मर्जर मुद्दे पर निश्चित रुप से पुर्विचार करने की आवश्यकता है।

अध्यक्ष नीरज हंस ने ग्रामीणों व अभिभावकों को दिलासा देते हुए कहा कि सरकार को इस अपने तुगलकी फरमान को गरीब मजलूम बच्चों के हित को देखते हुए वापस लेना होगा। यदि यह काला कानून वापस नहीं होता है तो निश्चित रुप से यह आन्दोलन क्रान्तिकारी आन्दोलन में परिवर्तित होगा और इसका परिणाम जन हित में होगा। इस कार्यक्रम में विकास क्षेत्र खीरों के अनेको अध्यापकों सहित संदीप जी,सुनील कुमार तथा उमेश तिवारी जी उपस्थित रहे।

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