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शिक्षा के नाम पर अत्याचार… कापी न लाने पर प्रधानाचार्य ने मासूम छात्र को पीटा, शरीर पर चोट के निशान देख भड़के परिजन

सोनभद्र के बेटर मिलेनियम स्कूल में कक्षा 2 के छात्र शिवम मौर्य को कापी न लाने पर प्रधानाचार्य ने बेरहमी से पीटा, जिससे शरीर पर चोट के निशान बने। छात्र के पिता ने न्याय और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
Post Published By: सौम्या सिंह
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शिक्षा के नाम पर अत्याचार… कापी न लाने पर प्रधानाचार्य ने मासूम छात्र को पीटा, शरीर पर चोट के निशान देख भड़के परिजन

Sonbhadra: जिले के दुद्धी स्टेशन रोड स्थित बेटर मिलेनियम स्कूल एक बार फिर विवादों में घिर गया है। यहां कक्षा 2 में पढ़ने वाले मासूम छात्र शिवम मौर्य को स्कूल के प्रधानाचार्य ने कापी न लाने के कारण बेरहमी से पीटा। छात्र के शरीर पर मारपीट के कई चोट के निशान देखे गए हैं। इस घटना के बाद शिवम अब स्कूल जाने से डर रहा है और उसने साफ कह दिया है कि वह फिर कभी उस स्कूल में नहीं जाएगा।

घटना की पूरी कहानी

शिवम मौर्य, जो डुमरडीहा का रहने वाला है, ने रोते हुए परिजनों को बताया कि प्रधानाचार्य ने उसे कक्षा से बाहर बुलाया और एकांत में बंद कमरे में रखे पाइप से जमकर मारा। छात्र के अनुसार, उसे अपनी सफाई देने का मौका तक नहीं दिया गया। प्रधानाचार्य लगातार उसे मारते रहे, जिससे उसका शरीर चोटों से भरा हुआ है। पीड़ित छात्र ने यह भी बताया कि इस डर के कारण वह अब स्कूल जाना बंद करना चाहता है और पढ़ाई छोड़ने की बात भी कह चुका है।

परिजनों का दर्द और मांग

शिवम के माता-पिता इस घटना से बेहद आहत हैं। उनका कहना है कि अगर स्कूल में बच्चों के साथ इस तरह की बर्बरता जारी रही, तो वे अपने बच्चों को ऐसे विद्यालय में कैसे भेजेंगे। उन्होंने स्कूल प्रबंधन से निष्पक्ष जांच और दोषी प्रधानाचार्य के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पिता आलोक मौर्य ने बताया कि वे इस मामले को शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन तक भी ले जाएंगे ताकि इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।

दुद्धी थाने पर शिकायत दर्ज कराने पहुंचे परिजन

स्कूल प्रबंधन की चुप्पी

हालांकि, पूरे मामले को लेकर स्कूल प्रबंधन की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। अभिभावक और स्थानीय लोग इस चुप्पी को लेकर चिंतित हैं और मांग कर रहे हैं कि स्कूल प्रशासन को जवाबदेह ठहराया जाए। लोगों का मानना है कि बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना विद्यालय का पहला कर्तव्य होना चाहिए।

न्याय की गुहार के लिए पुलिस से किया संपर्क

पीड़ित छात्र के माता-पिता अब दुद्धी थाने जाकर पुलिस से शिकायत दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे न्याय के लिए हर संभव कदम उठाएंगे ताकि बच्चों के साथ इस तरह की हिंसा और शारीरिक दंड बंद हो सके। यह मामला शिक्षा व्यवस्था में बच्चों के साथ हो रहे अत्याचार की एक चिंताजनक तस्वीर पेश कर रहा है।

निष्पक्ष जांच की उम्मीद

स्थानीय प्रशासन से यह उम्मीद की जा रही है कि वे इस मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच करेंगे। ताकि दोषियों को उचित सजा मिल सके और भविष्य में ऐसे कृत्यों पर रोक लगाई जा सके। साथ ही यह भी ज़रूरी है कि विद्यालयों में बच्चों के लिए सुरक्षित और स्नेहपूर्ण माहौल सुनिश्चित किया जाए।

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