प्रयागराज में क्यों कटे लाखों वोट? यूपी में SIR प्रक्रिया ने बदली सियासी तस्वीर; पढ़ें पूरी खबर

उत्तर प्रदेश में SIR प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रयागराज और लखनऊ समेत बड़े जिलों में लाखों मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से कट गए हैं। डबल एंट्री, गृह जिले को प्राथमिकता और ASD वोटरों की पहचान इस कार्रवाई के मुख्य कारण रहे।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 28 December 2025, 4:59 PM IST

Prayagraj: उत्तर प्रदेश में SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और इसके नतीजे चौंकाने वाले हैं। इस विशेष पुनरीक्षण अभियान के तहत प्रदेश भर में 2 करोड़ 88 लाख 75 हजार 230 मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं।

ड्राफ्ट मतदाता सूची 31 दिसंबर को जारी की जाएगी, लेकिन उससे पहले सामने आए जिलेवार आंकड़ों ने बड़े शहरों की हकीकत उजागर कर दी है। राजधानी लखनऊ के बाद प्रयागराज ऐसा जिला है, जहां सबसे ज्यादा वोटरों के नाम कटे हैं।

लखनऊ के बाद प्रयागराज दूसरे नंबर पर

जिलेवार रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी लखनऊ में 12 लाख से अधिक वोट कटे हैं, जबकि प्रयागराज में 11 लाख 56 हजार 339 मतदाता सूची से बाहर हो गए। यह आंकड़ा बताता है कि प्रदेश के बड़े शहर SIR प्रक्रिया में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इसके उलट छोटे और ग्रामीण जिलों में मतदाता सूची से नाम हटने की संख्या अपेक्षाकृत कम रही।

क्यों कटे इतने बड़े पैमाने पर वोट?

चुनाव आयोग के मुताबिक, SIR अभियान का मुख्य उद्देश्य वोटर लिस्ट को शुद्ध और अद्यतन बनाना था। जांच में सामने आया कि बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम दो जगह दर्ज थे, एक उनके गृह जिले में और दूसरा कार्य या व्यवसाय वाले शहर में।

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SIR प्रक्रिया के दौरान ‘डबल एंट्री’ पर सख्ती से कार्रवाई की गई और ऐसे मतदाताओं को केवल एक स्थान चुनने का विकल्प दिया गया।

गृह जिले को मिली प्राथमिकता

विश्लेषण से साफ है कि अधिकतर मतदाताओं ने नौकरी या पढ़ाई वाले शहर की बजाय अपने मूल निवास स्थान को प्राथमिकता दी। इसी कारण लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, गाजियाबाद जैसे बड़े शहरी जिलों में वोटरों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई। छोटे जिलों में रहने वाले मतदाताओं ने अपना नाम यथावत बनाए रखा।

इन जिलों में कटे सबसे ज्यादा वोट

टॉप-10 जिलों की सूची में बड़े शहरों का दबदबा रहा-

  • लखनऊ: 12 लाख
  • प्रयागराज: 11.56 लाख
  • कानपुर नगर: 9.02 लाख
  • आगरा: 8.36 लाख
  • गाजियाबाद: 8.18 लाख
  • बरेली: 7.14 लाख
  • मेरठ: 6.65 लाख
  • गोरखपुर: 6.45 लाख
  • सीतापुर: 6.23 लाख
  • जौनपुर: 5.89 लाख

प्रयागराज में 11 लाख वोट पहले से थे संदिग्ध

प्रयागराज में करीब 11 लाख वोटरों का नाम पहले से ही सूची से बाहर होना तय माना जा रहा थावर्ष 2025 की मतदाता सूची में जिले में 46 लाख 92 हजार 860 वोटर दर्ज थे, लेकिन अंतिम चरण तक 35 लाख 27 हजार 984 मतदाताओं का ही डिजिटाइजेशन हो सका।  करीब 11 लाख 64 हजार 934 वोटर ऐसे रहे, जो सत्यापन के दौरान मिले ही नहींइनमें कई की मृत्यु हो चुकी है या वे जिला छोड़कर अन्यत्र बस गए हैं

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ASD वोटर और नोटिस की कार्रवाई

विशेष अभियान के दौरान ASD (एब्सेंट-शिफ्टेड-डेड) वोटरों की तलाश की गई, लेकिन अब तक केवल 25,506 मतदाता (0.54%) ही मिल सके।

करीब 3 लाख 53 हजार 138 वोटर ऐसे हैं, जिनकी 2003 के रिकॉर्ड से मैपिंग नहीं हो पाई। इन मतदाताओं को निर्वाचन कार्यालय की ओर से नोटिस भेजा जाएगा। अगर वे चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित 12 दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत नहीं कर पाए, तो उनका नाम अंतिम सूची से बाहर हो सकता है।

Location : 
  • Prayagraj

Published : 
  • 28 December 2025, 4:59 PM IST