Muzaffarnagar: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद के महावीर चौक पर मंगलवार को हिंसा भड़क उठी जब हिन्द मजदूर किसान समिति के सैकड़ों कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का पुतला दहन कर रहे थे। तभी पुलिस ने पुतला हटाने की कोशिश की, जिससे दोनों पक्षों के बीच तीखी झड़प हुई।
विवाद का कारण
कार्यकर्ताओं का कहना है कि कुछ दिन पूर्व सांसद इमरान मसूद ने भगत सिंह की तुलना हमास से की थी, जो उनके लिए अपमानजनक और अस्वीकार्य है। समिति के प्रवक्ता अमित कुमार ने बताया कि सांसद ने उन क्रांतिकारियों की गरिमा को चोट पहुंचाई है जिन्हें वे आदर्श मानते हैं, इसलिए प्रदर्शन और पुतला दहन किया जा रहा है।
झड़प और हाथापाई
पुतला पकड़ने और पुलिस के हस्तक्षेप के दौरान दोनों तरफ से छीना-झपटी और धक्कामुक्की हुई। कुछ कार्यकर्ताओं ने पुतले पर कब्जा करने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन माहौल काफी भावुक और तनावपूर्ण हो गया। स्थानीय मीडिया के अनुसार घटनास्थल पर भारी नाराबाज़ी और भड़काऊ बयान भी सामने आए।
मुजफ्फरनगर: हिंदू मजदूर किसान समिति के कार्यकर्ताओं ने महावीर चौक पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का पुतला दहन किया; पुतला छुड़ाने के प्रयास पर पुलिस व प्रदर्शनकारियों में झड़प।#Muzaffarnagar #Protest #ImranMasood pic.twitter.com/0vOThvfObr
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) October 28, 2025
संगठन की मांगें और चेतावनी
हिन्द मजदूर किसान समिति के प्रवक्ता अमित कुमार ने कड़ी भाषा में कहा कि सांसद ने पद की गरिमा का ध्यान नहीं रखा और इसलिए जनता उसके खिलाफ सख्त कदम उठायेगी। उन्होंने कहा कि यदि इमरान मसूद माफी नहीं मांगते तो उनका प्रतिरोध और तेज होगा यहां तक कि सांसद के खिलाफ गिरफ्तारी और मुकदमे की भी मांग उठायी गई है। संगठन ने भविष्य में बड़े प्रदर्शन और सहारनपुर में भी पुतला फूंकने की चेतावनी दी है।
मुजफ्फरनगर में ऑपरेशन गौकशी: पुलिस ने गोलियों से दिया जवाब, एक गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
प्रशासन और आगे की कार्रवाई
स्थानीय पुलिस ने हालात को नियंत्रित करने के लिये कई प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया और इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी। किसी भी तरह की बड़ी हिंसा या गिरफ्तारी की आधिकारिक सूचना अभी जारी नहीं हुई है; पर कार्यकर्ता और संगठन अग्नि समान रुख अपनाये बैठे हैं, जिससे भविष्य में स्थिति और तनावपूर्ण बन सकती है।
पुतला दहन और उसके बाद हुई झड़प इस बात का संकेत है कि सांसद के बयान ने स्थानीय स्तर पर गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। प्रशासन और राजनीतिक प्रतिनिधियों के लिए आवश्यक है कि वे घटना का शांतिपूर्ण समाधान निकालें और संवेदनशील मुद्दों पर संवाद के जरिये सौहार्द बनाए रखें, वरना संघर्ष और बढ़ सकता है।

