Bulandshahr: जिले में मानवता को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक कलयुगी मां ने अपने नवजात शिशु को जन्म देने के कुछ ही समय बाद कचरे के ढेर में फेंक दिया। तड़के सुबह हुई इस घटना ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। हालांकि, समय रहते एक नेकदिल दंपति की सतर्कता ने मासूम की जान बचा ली, वरना लापरवाही और अमानवीयता की यह घटना किसी बड़ी त्रासदी में बदल सकती थी।
क्या है पूरा मामला?
शुक्रवार सुबह बारादरी निवासी गब्बर और उनकी पत्नी साबरा रोज़ की तरह खुर्जा पॉटरी में मजदूरी के लिए जा रहे थे। यह दंपति हर रोज़ की तरह पैदल ही पॉटरी सेंटर एरिया से होकर गुजरता है। जैसे ही दोनों खुर्जा की पानी की टंकी के पास पहुंचे, उन्हें कूड़े के ढेर की ओर से किसी बच्चे के रोने की कमजोर-सी आवाज सुनाई दी। शुरुआत में उन्हें लगा कि शायद किसी जानवर की आवाज है, लेकिन कुछ कदम आगे बढ़ने पर रोने की यह आवाज तेज हुई और दंपति को शक हुआ।
पॉलीथिन के बीच एक नवजात शिशु कपड़े में लिपटा पड़ा था
गब्बर और साबरा तुरंत आवाज की दिशा में बढ़े और कचरे के ढेर को टटोलने लगे। यह देखकर दोनों दंग रह गए कि कचरे की गंदगी और पॉलीथिन के बीच एक नवजात शिशु कपड़े में लिपटा पड़ा था, जो ठंड और डर से कांपते हुए रो रहा था। दंपति ने उसे तुरंत उठा लिया और उसे गोद में लेकर सांत्वना दी। साबरा ने बच्चे के शरीर पर लगी गंदगी हटाई और उसे अपनी चादर में लपेट लिया।
बच्ची को अस्पताल में एडमिट करवाया
घटना से हक्का-बक्का दंपति ने तुरंत आसपास मौजूद लोगों को आवाज लगाई और मदद मांगी। इसके बाद गब्बर नवजात को लेकर नजदीकी अस्पताल की ओर भागे। अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने तुरंत बच्चे को प्राथमिक उपचार दिया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा समय से पैदा हुआ प्रतीत होता है और फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। उसकी धड़कन सामान्य है और किसी गंभीर चोट के निशान नहीं मिले हैं। समय रहते मिले उपचार ने उसकी जान बचा ली।
सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू
डॉक्टरों की टीम भी इस घटना से हैरान थी। अस्पताल प्रशासन ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने कचरे के ढेर वाले क्षेत्र से साक्ष्य जुटाए और आसपास की सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है, जिससे नवजात को फेंकने वाली महिला की पहचान की जा सके। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला बेहद संवेदनशील है और दोषी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
स्थानीय लोग इस घटना से बेहद आक्रोशित
स्थानीय लोग इस घटना से बेहद आक्रोशित हैं। लोगों का कहना है कि मानवता ऐसी घटनाओं से शर्मसार होती है। कई लोग अस्पताल पहुंचे और नवजात को देखने की इच्छा जताई। वहीं, कुछ सामाजिक संगठनों ने भी बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी लेने की इच्छा दिखाई है।
गब्बर और साबरा ने क्या कहा?
गब्बर और साबरा की मानवता की सभी जगह सराहना हो रही है। उन्होंने बताया कि “हम बच्ची को देखकर कांप उठे। अगर हम कुछ देर बाद यहां से गुजरते, तो पता नहीं उसकी क्या हालत हो जाती। साबरा ने कहा कि “बच्चा हमारा नहीं था, लेकिन उसकी किलकारी ने हमें रोक लिया, जैसे वह हमें ही पुकार रहा हो।”

