योगी सरकार में बड़े फेरबदल की संभावना, भूपेंद्र चौधरी से लेकर डिप्टी सीएम तक अटकलें हुई तेज

उत्तर प्रदेश भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने के साथ ही लंबे समय से लंबित संगठनात्मक बदलाव पूरे हो गए हैं। इस फैसले के बाद योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के विस्तार की संभावनाएं भी तेज हो गई हैं। मंत्रिपरिषद में खाली पड़े 6 पदों को लेकर कई बड़े नामों पर चर्चा शुरू हो चुकी है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 16 December 2025, 6:30 PM IST

Lucknow: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही पार्टी के भीतर लंबे समय से चल रही संगठनात्मक कवायद पूरी हो गई है। इस बदलाव को 2027 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद बदली राजनीतिक परिस्थितियों से जोड़कर देखा जा रहा है। संगठन में स्थिरता आने के बाद अब सभी की निगाहें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल विस्तार पर टिक गई हैं, जिसका इंतजार पिछले कई महीनों से किया जा रहा था।

मंत्रिपरिषद में अभी 6 पद खाली

संविधान के प्रावधानों के अनुसार उत्तर प्रदेश में मंत्रिपरिषद के सदस्यों की अधिकतम संख्या 60 हो सकती है। वर्तमान में योगी सरकार में कुल 54 मंत्री हैं, ऐसे में अभी 6 पद खाली हैं। इन खाली पदों को भरने के लिए भाजपा नेतृत्व सामाजिक, क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधने की रणनीति पर काम कर रहा है। माना जा रहा है कि यह विस्तार केवल संख्या बढ़ाने तक सीमित नहीं होगा, बल्कि इसमें सियासी संदेश भी छिपा होगा।

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भूपेंद्र चौधरी की मंत्रिमंडल में वापसी तय?

निवर्तमान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभावशाली जाट नेता भूपेंद्र सिंह चौधरी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना लगभग तय माना जा रहा है। भूपेंद्र चौधरी इससे पहले योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री रह चुके हैं। संगठन में रहते हुए उन्होंने पश्चिमी यूपी में पार्टी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। जाट समुदाय के बीच भाजपा की पकड़ मजबूत करने में उनकी भूमिका को देखते हुए पार्टी नेतृत्व उन्हें एक बार फिर सरकार में जिम्मेदारी सौंप सकता है।

पश्चिमी यूपी को साधने की रणनीति

भूपेंद्र चौधरी की संभावित वापसी को केवल एक मंत्री की नियुक्ति के रूप में नहीं देखा जा रहा, बल्कि इसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। किसान आंदोलन और क्षेत्रीय असंतोष के बाद भाजपा इस इलाके में अपने सामाजिक आधार को फिर से मजबूत करना चाहती है। जाट नेता को कैबिनेट में शामिल कर पार्टी एक सकारात्मक संदेश देने की कोशिश कर सकती है।

क्या यूपी को मिलेगा तीसरा डिप्टी सीएम?

भाजपा के भीतर इस बात की भी चर्चा है कि उत्तर प्रदेश को इस बार तीसरा उपमुख्यमंत्री मिल सकता है। वर्तमान में केशव प्रसाद मौर्य (ओबीसी) और बृजेश पाठक (ब्राह्मण) उपमुख्यमंत्री हैं। अब पार्टी अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से किसी बड़े चेहरे को उपमुख्यमंत्री बनाकर सामाजिक संतुलन साधने पर विचार कर रही है। यदि ऐसा होता है, तो यह उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा संदेश होगा।

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सामाजिक संतुलन पर भाजपा का फोकस

नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में ओबीसी चेहरे की नियुक्ति के बाद भाजपा अब सरकार में एससी समुदाय को मजबूत प्रतिनिधित्व देने की दिशा में कदम बढ़ा सकती है। दलित वोट बैंक उत्तर प्रदेश की राजनीति में बेहद अहम माना जाता है और इसे ध्यान में रखते हुए पार्टी मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश कर रही है।

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  • Lucknow

Published : 
  • 16 December 2025, 6:30 PM IST