शिकारपुर नगर पालिका की गौशाला में गोवंशों को भगाने का आरोप लगाते हुए किसान यूनियन के कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए। BDO के पत्र को फाड़ने और गोवंशों को बाहर छोड़ने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद किसानों में भारी रोष देखने को मिल रहा है।

किसान यूनियन का धरना
Bulandshahr: जनपद के शिकारपुर नगर पालिका क्षेत्र में स्थित गौशाला उस समय विवादों में घिर गई, जब भारतीय किसान यूनियन टिकैत के कार्यकर्ताओं ने गौशाला के कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए। आरोप है कि गौशाला में रखे जाने के लिए भेजे गए गोवंशों को कर्मचारियों ने जानबूझकर बाहर भगा दिया। इस घटना के विरोध में किसान यूनियन के कार्यकर्ता गौशाला के गेट पर धरने पर बैठ गए।
किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने बताया कि शिकारपुर ब्लॉक के BDO (खंड विकास अधिकारी) के लिखित आदेश के बाद पांच आवारा गोवंशों को नगर पालिका द्वारा संचालित गौशाला में भेजा गया था। इन गोवंशों को किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने से रोकने के उद्देश्य से पकड़ा गया था।
किसान यूनियन का आरोप है कि जब गोवंशों को गौशाला में लाया गया, तब वहां मौजूद कर्मचारियों ने BDO के लेटर को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। आरोप यह भी है कि कर्मचारियों ने आदेश पत्र को फाड़ दिया और गोवंशों को गौशाला से बाहर निकालकर भगा दिया। इस घटना से किसानों में भारी आक्रोश फैल गया।
गौशाला से गोवंशों को भगाने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ लोग गोवंशों को डंडों और आवाजों से भगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। वायरल वीडियो के बाद यह मामला और गंभीर हो गया, जिससे प्रशासन और नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही भारतीय किसान यूनियन टिकैत के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए। तहसील अध्यक्ष के नेतृत्व में किसान कार्यकर्ताओं ने गौशाला के मुख्य गेट पर धरना शुरू कर दिया। किसानों का कहना है कि गोवंशों को भगाने की घटना न केवल अमानवीय है, बल्कि सरकारी नियमों का भी उल्लंघन है।
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धरने पर बैठे किसान कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब तक सभी आवारा गोवंशों को दोबारा पकड़कर गौशाला में सुरक्षित नहीं किया जाता, तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। किसानों का कहना है कि आवारा गोवंशों के कारण पहले ही खेती चौपट हो रही है और अब प्रशासन भी जिम्मेदारी से भाग रहा है।
शिकारपुर नगर पालिका द्वारा बनाई गई गौशाला की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। किसानों का आरोप है कि गौशाला में क्षमता होते हुए भी जानबूझकर गोवंशों को नहीं रखा जा रहा। इससे यह संदेह पैदा होता है कि कहीं न कहीं लापरवाही या मिलीभगत है।
किसान यूनियन ने जिला प्रशासन से मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही गौशाला की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।