Hamirpur: हमीरपुर जिले में प्रशासन ने भूमाफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए मीरा तालाब की जमीन को अवैध तरीके से बेचने के मामले में त्वरित कदम उठाया है। डीएम घनश्याम मीणा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए क्रेता और विक्रेता दोनों पक्षों पर धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
अवैध रूप से बेची जा रही थी तालाब की जमीन
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मौदहा तहसील क्षेत्र स्थित मीरा तालाब की जमीन को तीन लोगों द्वारा अवैध रूप से निजी संपत्ति बताकर बेचा जा रहा था। सरकारी रिकार्ड में यह जमीन सार्वजनिक संपत्ति के रूप में दर्ज है, लेकिन आरोपियों ने इसे अपनी संपत्ति घोषित करते हुए 15 लाख रुपये में बेचने की योजना बनाई।
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एडवांस ले गए लाखों रुपये
मामले की छानबीन में पता चला है कि इस डील में 5 लाख रुपये एडवांस भी ले लिए गए थे और बाकायदा इकरारनामा तैयार कर सौदा पक्का कर दिया गया था। जब इस मामले की जानकारी प्रशासन को मिली, तो तत्काल तहसीलदार व राजस्व टीम को मौके पर भेजा गया। जांच के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि यह जमीन पूरी तरह से सरकारी है और इसे कोई भी व्यक्ति निजी रूप से बेच नहीं सकता।
मामले में क्रेता, विक्रेता और बिचौलिया शामिल
दूसरी तरफ, जांच रिपोर्ट आने के बाद डीएम घनश्याम मीणा ने सख्त रुख अपनाते हुए आदेश दिया कि तीनों व्यक्तियों जिनमें विक्रेता, क्रेता और बिचौलिये शामिल हैं, के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए। प्रशासन द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि इन्होंने साजिश रचकर सरकारी जमीन को निजी बताकर बेचने की कोशिश की, जो कि पूरी तरह से गैरकानूनी और धोखाधड़ी के दायरे में आता है।
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डीएम ने दिखाई सख्ती
डीएम ने स्पष्ट किया कि हमीरपुर जिले में भूमाफिया किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे। सरकारी और सार्वजनिक संपत्तियों की रक्षा के लिए प्रशासन लगातार सतर्क है और ऐसे मामलों में कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।