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Maharajganj News: बृजमनगंज में विधायक के नाम पर कालिख पोतने का मामला, घटना से गरमाई राजनीति

महराजगंज जिले के बृजमनगंज नगर पंचायत में शिवालय पोखरा स्थित शिलापट्ट पर कांग्रेस विधायक वीरेंद्र चौधरी के नाम पर कालिख पोत दी गई। यह घटना राजनीतिक द्वेष और सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश मानी जा रही है।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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Maharajganj News: बृजमनगंज में विधायक के नाम पर कालिख पोतने का मामला, घटना से गरमाई राजनीति

Maharajganj: नगर पंचायत बृजमनगंज में राजनीतिक द्वेष और सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश का मामला सामने आया है। वार्ड नंबर 9 पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर और वार्ड नंबर 12 शहीद स्मारक नगर में शिवालय पोखरा पर लगाए गए शिलापट्ट पर क्षेत्रीय विधायक का नाम तो अंकित किया गया, लेकिन उस पर कालिख पोत दी गई। इस घटना ने नगर में राजनीतिक माहौल को और गर्मा दिया है।

अध्यक्ष और विधायक का नाम अनिवार्य

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, नगर पंचायत बृजमनगंज में हाल ही में भाजपा प्रत्याशी राकेश जायसवाल अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। जबकि फरेंदा विधानसभा से कांग्रेस विधायक वीरेंद्र चौधरी जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। शासनादेश के अनुसार नगर पंचायत क्षेत्र में होने वाले किसी भी निर्माण कार्य के शिलापट्ट पर अध्यक्ष और क्षेत्रीय विधायक दोनों का नाम अंकित किया जाना जरूरी है। इसी आधार पर शिलापट्ट पर विधायक का नाम लिखा गया था, मगर उस पर कालिख पोतकर इसे छिपाने का प्रयास किया गया।

सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश

स्थानीय निवासियों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। विनय तिवारी, कुंज बिहारी निषाद, संतोष, बबलू, राजन शुक्ल और परशुराम सहित कई लोगों ने कहा कि यह राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की पराकाष्ठा है। उनका कहना है कि यह घटना न केवल विधायक का अपमान है, बल्कि इससे समाज में गलत संदेश भी गया है। लोगों का यह भी कहना है कि शिलापट्ट पर पिछले कई महीनों से कालिख लगी हुई है, लेकिन नगर पंचायत प्रशासन ने इसे दुरुस्त कराने की कोई गंभीर कोशिश नहीं की।

क्या बोली ईओ बृजमनगंज?

इस पूरे मामले पर नगर पंचायत बृजमनगंज ईओ सुरभि मिश्रा ने कहा कि “किसी अराजक तत्व ने विधायक के नाम पर कालिख पोती है। शिलापट्ट को जल्द ही साफ कराकर दुरुस्त कराया जाएगा।”
लोगों में नाराजगी

घटना को लेकर गरमाई राजनीति

फिलहाल, इस घटना ने नगर की राजनीति को गरमा दिया है। विनय तिवारी, कुंज बिहारी निषाद, संतोष, बबलू, राजन शुक्ल, परशुराम इस लोगों का कहना है कि विकास कार्यों का श्रेय लेने की होड़ और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है। अगर प्रशासन गंभीर होता तो यह सुधार पहले ही करा चुका होता। क्षेत्रीय जनता इस घटना को सामाजिक सौहार्द्र के विरुद्ध मान रही है और उम्मीद कर रही है कि प्रशासन इस मामले में निष्पक्षता से कार्रवाई करेगा। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों।

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