महराजगंज जिला जेल में विचाराधीन कैदी हरिवंश उर्फ दिन्ने की मौत के मामले में मजिस्ट्रियल जांच शुरू कर दी गई है। जांच की जिम्मेदारी उप जिला मजिस्ट्रेट सदर को सौंपी गई है। प्रशासन ने आमजन से 15 जनवरी तक साक्ष्य प्रस्तुत करने की अपील की है।

महराजगंज जिला कारागार
Maharajganj: महराजगंज जिले की जिला कारागार में निरुद्ध विचाराधीन कैदी हरिवंश उर्फ दिन्ने की मौत के मामले में प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। जेल में हुई इस मृत्यु को लेकर उठ रहे सवालों के बीच जिला प्रशासन ने मजिस्ट्रियल जांच शुरू कर दी है, ताकि घटना के हर पहलू की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित की जा सके।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, प्रशासन की ओर से जारी आदेश के अंतर्गत इस मजिस्ट्रियल जांच की जिम्मेदारी उप जिला मजिस्ट्रेट सदर जितेंद्र कुमार को सौंपी गई है। जांच अधिकारी ने बताया कि कैदी हरिवंश उर्फ दिन्ने की मृत्यु 16 दिसंबर को हुई थी। चूंकि मामला जेल परिसर में हुई मृत्यु से जुड़ा है, इसलिए नियमानुसार मजिस्ट्रियल जांच कराना अनिवार्य है।
जिला प्रशासन ने इस प्रकरण को लेकर आमजन को भी जांच प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर दिया है। प्रशासन द्वारा जारी सूचना में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति के पास इस मामले से संबंधित कोई भी मौखिक या लिखित साक्ष्य, दस्तावेज, बयान या अन्य महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध है, तो वह 15 जनवरी को प्रातः 10 बजे उप जिला मजिस्ट्रेट सदर के न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रख सकता है।
महराजगंज में जेल की दीवारों के पीछे क्या हुआ? कैदी की मौत से हड़कंप
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस मजिस्ट्रियल जांच का मुख्य उद्देश्य विचाराधीन कैदी की मृत्यु के वास्तविक कारणों का पता लगाना है। जांच के दौरान यह देखा जाएगा कि कहीं जेल प्रशासन, चिकित्सा व्यवस्था या अन्य किसी स्तर पर लापरवाही तो नहीं हुई। अगर जांच में किसी प्रकार की चूक या दोष सामने आता है, तो संबंधित जिम्मेदारों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले को लेकर जिला प्रशासन की सतर्कता के चलते जेल प्रशासन और संबंधित विभागों में भी हलचल देखी जा रही है। अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक, सभी आवश्यक दस्तावेज और रिकॉर्ड को खंगाला जा रहा है। जेल में कैदियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और निगरानी व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, जिनका जवाब जांच रिपोर्ट के माध्यम से सामने आने की उम्मीद है।
अब सभी की निगाहें मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय होगा कि मामले में आगे क्या कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।