Site icon Hindi Dynamite News

बुलंदशहर में अपनी बेटी की हत्या करने वाली मां को उम्रकैद, कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

यह मामला जुलाई 2023 का है। स्याना थाना क्षेत्र के मोहल्ला कैथवाला निवासी दानिश की नवजात बच्ची की हत्या का आरोप मीना पर लगा था। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
Post Published By: Mayank Tawer
Published:
बुलंदशहर में अपनी बेटी की हत्या करने वाली मां को उम्रकैद, कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

बुलंदशहर: एक कहावत है कि भगवान के घर देर है, लेकिन अंधेर नहीं। यह कहावत इस खबर पर बिल्कुल सटीक साबित होती है। एक उस मां को उम्रकैद की सजा मिली, जिसने अपनी बेटी की हत्या कर दी। कोर्ट ने इस फैसले को सुनाया है। आइये जानते है कि पूरा मामला क्या है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बुलंदशहर जनपद में 10 महीने पुराने एक दिल दहला देने वाले मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए नवजात बच्ची की हत्या के जुर्म में मां को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोषी महिला पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह निर्णय 27 मई 2025 को एडीजे/एफटीसी-03 न्यायाधीश शिवानंद की अदालत द्वारा सुनाया गया।

क्या है पूरा मामला, कब हुई हत्या

यह मामला जुलाई 2023 का है। स्याना थाना क्षेत्र के मोहल्ला कैथवाला निवासी दानिश की नवजात बच्ची की हत्या का आरोप मीना निवासी छोटा हसनपुर थाना भावनपुर मेरठ पर लगा था। मीना ने कथित रूप से नवजात बच्ची को मौत के घाट उतार दिया था, जिससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी।

ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत हुई प्रभावी पैरवी

परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने 14 जुलाई 2023 को धारा 302 (हत्या) के तहत मुकदमा दर्ज किया और 11 दिनों के भीतर यानी 25 जुलाई 2023 को न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत कर दिया गया। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ के अंतर्गत इस जघन्य मामले को प्राथमिकता दी गई। बुलंदशहर की मॉनीटरिंग सेल ने न्यायालय में प्रभावी पैरवी करते हुए मामले को निर्णायक मोड़ तक पहुंचाया।

और फिर उम्रकैद की सजा

मामले में 9 गवाहों की गवाही दर्ज की गई। जिसमें अभियोजन पक्ष ने ठोस साक्ष्यों और तर्कों के साथ अपना पक्ष प्रस्तुत किया। अंत में न्यायालय ने मीना को निर्दोष नवजात बच्ची की हत्या का दोषी माना और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

आरोपी मां को सजा दिलवाने में इनका अहम रोल

इस पूरे केस में अभियोजन पक्ष से अधिवक्ता के रूप में ध्रुव कुमार वर्मा ने बहस की है। ध्रुव कुमार वर्मा इस मामले में सरकारी वकील है। मॉनीटरिंग सेल प्रभारी निरीक्षक यशपाल सिंह ने इसमें सबूत को कोर्ट में पेश किया। इसके अलावा कांस्टेबल वासु और कोर्ट मोहर्रिर कांस्टेबल प्रवेंद्र कुमार भी केस के हिस्सा बने।

Exit mobile version