झांसी की शिवानी बचपन में अनाथ हुई, को ग्राम प्रधान नरेश यादव ने गोद लिया। 14 दिसंबर को पूर्व मंत्री इमरती देवी के भतीजे संग शाही शादी सम्पन्न हुई। विवाह समारोह ने पूरे इलाके में खुशी और प्रेरणा फैलाई।

अनाथ लड़की की संघर्षमय कहानी
Jhansi: झांसी जनपद के चिरगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत संत बेहटा गांव में रहने वाली शिवानी की शादी ने पूरे इलाके में खुशियों की लहर फैला दी। कहानी की खास बात यह है कि शिवानी अनाथ है और उसे गांव के ग्राम प्रधान नरेश यादव उर्फ बब्बा ने अपने घर में पालकर बेटी जैसा प्यार दिया।
शिवानी दो बहनों में बड़ी हैं। जब वह लगभग 7 साल की थीं, उनके पिता का अचानक निधन हो गया। इसके तीन साल बाद उनकी मां की भी बीमारी के कारण मौत हो गई। माता-पिता के निधन के बाद शिवानी की छोटी बहन को उनके मामा ने गोद लिया, जबकि शिवानी को गांव के ग्राम प्रधान नरेश यादव उर्फ बब्बा ने अपनाया।
नरेश बब्बा ने कभी भी शिवानी और गांववासियों को यह एहसास नहीं होने दिया कि वह उसके असली माता-पिता की पुत्री नहीं है। उन्होंने पिता और माता का फर्ज निभाते हुए शिवानी को घर में रखा, उसे पढ़ाई-लिखाई और संस्कार दिए। उनकी देखरेख में शिवानी ने शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और चिरगांव के चंदन सिंह महाविद्यालय से बीएड की पढ़ाई कर रही हैं।
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नरेश बब्बा ने शिवानी की शादी पूर्व मध्य प्रदेश की कैबिनेट मंत्री इमरती देवी के भतीजे से तय की। शादी 14 दिसंबर को बड़े ही शाही अंदाज में सम्पन्न हुई। विवाह समारोह में पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन किया गया और दुल्हन को सुंदर परिधान व आभूषणों से सजाया गया।
दत्तक पिता ने निभाया पिता का फर्ज
शादी के बाद पूरे गांव और आसपास के इलाके में खुशियों की लहर दौड़ गई। स्थानीय लोगों ने नरेश बब्बा की सराहना की, जिन्होंने पिता का फर्ज निभाते हुए शिवानी को सम्मानजनक जीवन और शिक्षा का अवसर दिया। इस शादी ने यह संदेश दिया कि सच्चा परिवार रक्त से नहीं, बल्कि प्यार और अपनत्व से बनता है।
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शिवानी और उनके दूल्हे ने शादी के बाद नए जीवन की शुरुआत की है। इस कहानी ने अनाथ बच्चों की देखभाल और शिक्षा के महत्व को उजागर किया। नरेश बब्बा जैसे दत्तक माता-पिता के प्रयास से किसी भी अनाथ बच्ची का जीवन संवर सकता है और उसे खुशहाल भविष्य मिल सकता है।