यूपी पुलिस की एसटीएफ ने भंडाफोड़ किया है। करीब एक साल में यूपी पुलिस, एसटीएफ और फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FSDA) की तरफ से 24 मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। नशीले कफ सिरप को नेपाल और बांग्लादेश तक तस्करी के रूप में भेजे जाने का खुलासा हो चुका है।

कफ सिरप
Lucknow: करोड़ों के कफ सिरप के काले कारोबार का खेल काफी बड़ा है। यह पूरा नेटवर्क अरबों रुपये की अवैध सप्लाई चेन में बदल चुका है। इसका पूरा नेक्सस यूपी के साथ बिहार, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल और बंगाल तक फैला है। इस मामले में यूपी पुलिस और एसटीएफ की एक टीम जांच कर रही है कि कैसे यहां पूरा गैंग विदेशों तक अपने सिंडीकेट को चला रहा था। कफ सिरप तस्करी मामले का मकड़जाल बांग्लादेश और नेपाल तक फैल चुका है। इस काले कारोबार का किंगपिन शुभम जायसवाल अब भी फरार है।
इस रैकेट का यूपी पुलिस की एसटीएफ ने भंडाफोड़ किया है। करीब एक साल में यूपी पुलिस, एसटीएफ और फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FSDA) की तरफ से 24 मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। नशीले कफ सिरप को नेपाल और बांग्लादेश तक तस्करी के रूप में भेजे जाने का खुलासा हो चुका है। एजेंसियों की जांच में पता चला है कि अवैध कारोबार का टर्नओवर 100 करोड़ रुपये से अधिक है।
कफ सिरप को नशे के तौर पर बेचने के लिए भारी मात्रा में कालाबाजारी की जा रही थी। सिंडिकेट फर्जी कंपनियों और जाली पेपर का इस्तेमाल करके दवा कंपनी से सीधे सिरप खरीदता था। उसके बाद पड़ोसी राज्यों और अलग-अलग राज्यों में तस्करी करता था। यह गिरोह यूपी के अलावा बिहार, झारखंड, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश में सक्रिय था। हर खेप की कीमत अरबों में थी। अब ईडी ने इसे मनी लॉन्ड्रिंग का बड़ा रैकेट मानते हुए पूरे गैंग को बेनकाब करने की तैयारी शुरू कर दी है।
मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) विष्णु अग्रवाल के सिगरा आवास और दफ्तर पर सोनभद्र की एसआईटी टीम ने छापा मारा। ये छापा शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद जायसवाल की गिरफ्तारी के बाद डाला गया। शुभम जायसवाल घटना सामने आने के बाद दुबई भाग गया। दुबई से ही हवाला के जरिए पैसे मंगवाकर नेटवर्क चला रहा था। विदेश से ही शुभम पुरे नेटवर्क को बचाने के फिराक में लगा हुआ है। इसके अलावा, ईडी ने एफएसडीए से भी पूरी रिपोर्ट मांगी है। जिससे यह पता लगाया जा सके कि किन अधिकारियों की मिलीभगत से इस नेटवर्क को तैयार किया गया।
कफ सिरप कांड: छह राज्यों में मनी लांड्रिंग की जांच से हड़कंप, ED की राडार पर बड़े माफिया
झारखंड की एक दवा कंपनी बड़े पैमाने पर बना रही थी। उसका सुपर स्टॉकिस्ट आरोपी शुभम जायसवाल की फर्म सैली ट्रेडर्स थी। ईडी ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज करते हुए शुभम जायसवाल के वाराणसी स्थित घर पर समन चस्पा किया है। उसे 8 दिसंबर को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया है। वहीं, ईडी की टीम जल्द ही आलोक सिंह और अमित सिंह टाटा से जेल में पूछताछ करेगी। दोनों नशीले सिरप के बड़े खिलाड़ी बताए जा रहे हैं। इन दोनों के ठिकानों पर ईडी ने नोटिस चस्पा नहीं किया, क्योंकि उनकी पूछताछ सीधे जेल में तय की गई है।