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Gorakhpur News: खजनी तहसील में उड़ रही सरकारी आदेश की धज्जियां, राजकीय शोक के दिन भी नहीं झुकाया गया राष्ट्रीय ध्वज

पोप फ्रांसिस के निधन पर भारत सरकार द्वारा घोषित तीन दिवसीय राजकीय शोक के दौरान देशभर में सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Gorakhpur News: खजनी तहसील में उड़ रही सरकारी आदेश की धज्जियां, राजकीय शोक के दिन भी नहीं झुकाया गया राष्ट्रीय ध्वज

गोरखपुर: पोप फ्रांसिस के निधन पर भारत सरकार द्वारा घोषित तीन दिवसीय राजकीय शोक के दौरान देशभर में सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया। इस आदेश के बावजूद गोरखपुर जिले की खजनी तहसील में सरकारी निर्देशों का पालन नहीं किया गया। यह घटना प्रशासनिक लापरवाही और संवेदनहीनता का प्रतीक बनकर उभरी है।

सरकारी निर्देशों की उड़ाई गई धज्जियां

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, राजकीय शोक के दिन खजनी तहसील में न तो राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाया गया और न ही कोई झंडा फहराता हुआ दिखा। इससे साफ है कि स्थानीय प्रशासन को या तो सरकार के आदेश की जानकारी नहीं थी या फिर उसने इसे गंभीरता से नहीं लिया। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव और गोरखपुर जिले के प्रभारी (विधि प्रकोष्ठ) सत्य प्रकाश श्रीवास्तव ने इसकी कड़ी आलोचना की है।
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असंवेदनशीलता साफ दिखाई दे रही 

उन्होंने कहा, “जब पूरा देश पोप फ्रांसिस के सम्मान में राष्ट्रीय ध्वज झुकाकर शोक व्यक्त कर रहा है, तब खजनी तहसील में प्रशासन की लापरवाही और असंवेदनशीलता साफ दिखाई दे रही है।” श्रीवास्तव ने सवाल उठाया कि जब शासन का आदेश स्पष्ट था, तो खजनी तहसील के जिम्मेदार अधिकारी खासकर तहसीलदार उसका पालन क्यों नहीं कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ आदेश का उल्लंघन है, बल्कि राजकीय गरिमा का अपमान भी है।
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इस लापरवाही से आमजन भी हैरान हैं। प्रशासन की खामोशी और निष्क्रियता ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अधिकारी प्रशासनिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में गंभीर हैं या फिर सिर्फ आदेशों की अनदेखी की जा रही है। इतना ही नहीं, खजनी तहसील में न्यायिक कार्य भी सामान्य रूप से चल रहा था, जो प्रशासन की ओर से किसी विशेष संवेदनशीलता का संकेत नहीं देता।अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस घटना पर क्या कार्रवाई करता है और क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी। क्या यह मामला भी अन्य मुद्दों की तरह दबा दिया जाएगा या प्रशासन अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए उचित कदम उठाएगा?
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