गोरखपुर: गोरखपुर जनपद की खजनी तहसील में अवैध खनन का दुष्परिणाम अब आम जनता को झेलना पड़ रहा है। क्षेत्र की संपर्क मार्गों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। नैपुरा लिंक मार्ग, डोडो-सहीदाबाद लिंक मार्ग, बंगला पाण्डेय-उनवल मार्ग समेत दर्जनों ग्रामीण सड़कों पर मिट्टी और कीचड़ की मोटी परतें जमा हो चुकी हैं।
आम जनता परेशान
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, बारिश की हल्की फुहार भी इन सड़कों को दलदल में बदल देती है। नतीजा यह है कि दोपहिया वाहन चलाना तो दूर, पैदल चलना तक जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है।
सड़कों पर मिट्टी का कब्जा
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से बातचीत में क्षेत्र के जागरूक नागरिक जगन्नाथ चौबे, गुड्डू दुबे और प्रेमशंकर चौबे सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि अवैध खनन के कारण ट्रकों से सड़क पर गिरती मिट्टी और पानी के साथ बहकर आई गंदगी से रास्ते बुरी तरह से दूषित और खतरनाक हो चुके हैं। इन ग्रामीणों के मुताबिक, खनन माफिया दिन-रात मिट्टी की खुदाई कर स्टॉक भर रहे हैं और सड़कों का इस्तेमाल लगातार किया जा रहा है, जिससे ये रास्ते पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं।
प्रशासन की चुप्पी और मिलीभगत?
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि खनन माफिया और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत के चलते यह सब हो रहा है। तहसील और थाना प्रशासन पूरी तरह चुप्पी साधे बैठा है, और जनप्रतिनिधियों की तरफ से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सड़कों की जर्जर हालत के चलते अब ग्रामीणों को स्कूल जाने वाले बच्चों, बीमारों और बुजुर्गों की आवाजाही में भारी मुश्किलें आ रही हैं।
बारिश ने बढ़ाई चिंता
ग्रामीणों का कहना है कि अभी तो बारिश की शुरुआत है, लेकिन जब पूरा मानसून सक्रिय होगा, तब इन रास्तों से गुजरना नामुमकिन हो जाएगा। कीचड़ में फिसलकर हादसों की संभावना बढ़ जाएगी। यदि प्रशासन ने समय रहते खनन माफिया पर लगाम नहीं कसी, तो पूरा खजनी क्षेत्र आने वाले दिनों में जनजीवन संकट में डाल सकता है। वही अब देखने वाली बात यह है कि आखिर कब तक अवैध खनन का दुष्परिणाम लोगों को झेलना पड़ेगा। इस झंझट से कब तक यहां के लोगों को राहत मिलेगी।

