Varanasi: रबी सीजन की शुरुआत से पहले ही खाद की भारी किल्लत किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। जिले भर में खाद के लिए लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं, लेकिन फिर भी किसानों को निराशा हाथ लग रही है। इस गंभीर स्थिति को लेकर शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं और दर्जनों किसानों ने जिले की विभिन्न तहसीलों में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
खाद के लिए घंटों लाइन में खड़े किसान
प्रदर्शन के दौरान किसानों और ‘आप’ नेताओं ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया और योगी सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। पार्टी नेताओं ने कहा कि सरकार उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने में लगी है, जबकि खेतों में अन्न उगाने वाले किसानों को खाद जैसी बुनियादी सुविधा के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
Varanasi: वाराणसी में खाद की भारी कमी को लेकर आम आदमी पार्टी और किसानों ने किया जोरदार प्रदर्शन। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि जल्द राहत नहीं मिली तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।#VaranasiNews #AAPProtest #KisanAndolan pic.twitter.com/7Lls6a7U4E
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 23, 2025
‘आप’ का आरोप- योगी सरकार ने किसानों को किया बेसहारा
आप जिलाध्यक्ष ने कहा, ‘जिस प्रदेश की सरकार खुद को किसानों की हितैषी बताती है, वहां खाद के लिए किसान दर-दर भटक रहा है। अधिकारियों की मिलीभगत से खाद की काला बाज़ारी चरम पर है। आम किसान को न ही खाद मिल रही है और न ही समय पर बुवाई हो पा रही है। इस लापरवाही से फसल उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा।’
प्रदर्शनकारियों ने सरकार से तुरंत खाद की आपूर्ति सामान्य करने, काला बाज़ारी में लिप्त डीलरों और अधिकारियों पर कार्रवाई करने और प्रभावित किसानों के लिए विशेष सहायता पैकेज की मांग की। ‘आप’ नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन को जिला स्तर से राज्य स्तर तक फैलाया जाएगा।
लापरवाही और खाद में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
प्रदर्शन में जुटे किसानों ने तख्तियां और बैनर लेकर ‘किसानों के साथ अन्याय नहीं सहेगा हिंदुस्तान’, ‘खाद नहीं तो वोट नहीं’ जैसे नारे लगाए। कई किसानों ने बताया कि वह बीते कई दिनों से सुबह से शाम तक लाइन में खड़े हैं लेकिन खाद नहीं मिल रही। इससे उनकी बोआई रुक गई है और आर्थिक नुकसान हो रहा है।
प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन इससे स्थानीय प्रशासन में हलचल जरूर मच गई। कई स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी तरह की अव्यवस्था न फैले। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर आने वाले हफ्तों में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो आगे का आंदोलन और बड़ा होगा।