सपा से निष्कासित पूजा पाल की भाजपा नेताओं से मुलाकात: क्या होगा उनका अगला कदम?

समाजवादी पार्टी से निष्कासित विधायक पूजा पाल ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की और उन्हें अपना अभिभावक बताया। इस मुलाकात में उन्होंने भाजपा जॉइन करने की संभावना पर भी बात की। वहीं, केशव मौर्य ने अखिलेश यादव के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 5 December 2025, 9:25 AM IST
सपा से निष्कासित पूजा पाल की भाजपा नेताओं से मुलाकात: क्या होगा उनका अगला कदम?

पूजा पाल

Prayagraj: समाजवादी पार्टी से निष्कासित कौशाम्बी के चायल से विधायक पूजा पाल बृहस्पतिवार को एक बार फिर सुर्खियों में आईं। इस बार उनका ध्यान केंद्रित किया सर्किट हाउस में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात के दौरान। बैठक के दौरान पूजा पाल ने केशव प्रसाद मौर्य के पैर छुए और मौर्य ने भी उन्हें आशीर्वाद दिया। यह मुलाकात राजनीति के गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है।

योगी और केशव को अभिभावक मानती पूजा पाल

पूजा पाल ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को अपने अभिभावक बताया। उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय योगी सरकार से ही मिला है, खासकर पति राजू पाल की हत्या के मामले में। इस न्याय के कारण ही उन्होंने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी। इसके अलावा, उन्होंने भाजपा के उम्मीदवारों के पक्ष में फूलपुर विधानसभा उपचुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार भी किया था।

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भाजपा जॉइन करने पर पूजा पाल ने क्या कहा?

पूजा पाल से जब पूछा गया कि क्या वह जल्द ही भाजपा जॉइन करेंगी, और क्या उनका इरादा भाजपा के टिकट पर चायल या शहर पश्चिम से चुनाव लड़ने का है, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वह केवल अपने आदेशों के अनुसार कार्य करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले को भाजपा का शीर्ष नेतृत्व ही लेगा और वह उनके निर्देशों का पालन करेंगी। यह संकेत देता है कि पूजा पाल के भाजपा में शामिल होने की संभावना पूरी तरह से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर निर्भर है।

केशव मौर्य का अखिलेश यादव पर हमला

वहीं, बृहस्पतिवार को ही उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के हालिया बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव बिहार चुनाव से लौटने के बाद अस्वस्थ हो गए हैं और उनका मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है। केशव ने यह भी कहा कि आरक्षण और संविधान को कोई भी समाप्त नहीं कर सकता। इसके बाद, उन्होंने 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर टिप्पणी की, कहां कि अखिलेश यादव 2027 में सत्ता के करीब जाने का ख्वाब देख रहे थे, लेकिन 2047 तक भी उनकी सत्ता में वापसी का कोई सवाल नहीं है।

मतदाता सूची शुद्धिकरण पर योजना

केशव प्रसाद मौर्य ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा अपने 25-25 जिलों के लिए जिम्मेदारी तय कर चुकी है, जिसमें उन्होंने प्रयागराज से शुरुआत की है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा का लक्ष्य यह है कि किसी भी मतदाता को सूची से बाहर न किया जाए और मतदाता सूची को शुद्ध किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने उन लोगों को चेतावनी दी जो तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं।

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भाजपा और विपक्ष की राजनीति पर केशव की राय

केशव मौर्य ने विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, ममता बनर्जी और राहुल गांधी के चक्कर में मतदाता सूची के शुद्धिकरण में कोई भी गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने बीएलओ से भी कहा कि वे अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभाएं, और तुष्टीकरण की राजनीति से बचें। मौर्य ने यह भी कहा कि आत्महत्या किसी भी समस्या का हल नहीं है और ऐसे मामलों में समाधान ढूंढ़ने के लिए हमें राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर काम करना चाहिए।

कांग्रेस के पंचायत चुनाव पर टिप्पणी

कांग्रेस द्वारा पंचायत चुनाव अकेले लड़ने के बारे में पूछे जाने पर केशव मौर्य ने कहा कि यह कांग्रेस का मसला है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि चाहे कांग्रेस अकेले चुनाव लड़े या गठबंधन करके, भाजपा के लिए कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि अंततः “कमल ही खिलेगा”।

Prayagraj: समाजवादी पार्टी से निष्कासित कौशाम्बी के चायल से विधायक पूजा पाल बृहस्पतिवार को एक बार फिर सुर्खियों में आईं। इस बार उनका ध्यान केंद्रित किया सर्किट हाउस में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात के दौरान। बैठक के दौरान पूजा पाल ने केशव प्रसाद मौर्य के पैर छुए और मौर्य ने भी उन्हें आशीर्वाद दिया। यह मुलाकात राजनीति के गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है।

योगी और केशव को अभिभावक मानती पूजा पाल

पूजा पाल ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को अपने अभिभावक बताया। उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय योगी सरकार से ही मिला है, खासकर पति राजू पाल की हत्या के मामले में। इस न्याय के कारण ही उन्होंने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी। इसके अलावा, उन्होंने भाजपा के उम्मीदवारों के पक्ष में फूलपुर विधानसभा उपचुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार भी किया था।

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भाजपा जॉइन करने पर पूजा पाल ने क्या कहा?

पूजा पाल से जब पूछा गया कि क्या वह जल्द ही भाजपा जॉइन करेंगी, और क्या उनका इरादा भाजपा के टिकट पर चायल या शहर पश्चिम से चुनाव लड़ने का है, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वह केवल अपने आदेशों के अनुसार कार्य करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले को भाजपा का शीर्ष नेतृत्व ही लेगा और वह उनके निर्देशों का पालन करेंगी। यह संकेत देता है कि पूजा पाल के भाजपा में शामिल होने की संभावना पूरी तरह से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर निर्भर है।

केशव मौर्य का अखिलेश यादव पर हमला

वहीं, बृहस्पतिवार को ही उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के हालिया बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव बिहार चुनाव से लौटने के बाद अस्वस्थ हो गए हैं और उनका मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है। केशव ने यह भी कहा कि आरक्षण और संविधान को कोई भी समाप्त नहीं कर सकता। इसके बाद, उन्होंने 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर टिप्पणी की, कहां कि अखिलेश यादव 2027 में सत्ता के करीब जाने का ख्वाब देख रहे थे, लेकिन 2047 तक भी उनकी सत्ता में वापसी का कोई सवाल नहीं है।

मतदाता सूची शुद्धिकरण पर योजना

केशव प्रसाद मौर्य ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा अपने 25-25 जिलों के लिए जिम्मेदारी तय कर चुकी है, जिसमें उन्होंने प्रयागराज से शुरुआत की है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा का लक्ष्य यह है कि किसी भी मतदाता को सूची से बाहर न किया जाए और मतदाता सूची को शुद्ध किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने उन लोगों को चेतावनी दी जो तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं।

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भाजपा और विपक्ष की राजनीति पर केशव की राय

केशव मौर्य ने विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, ममता बनर्जी और राहुल गांधी के चक्कर में मतदाता सूची के शुद्धिकरण में कोई भी गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने बीएलओ से भी कहा कि वे अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभाएं, और तुष्टीकरण की राजनीति से बचें। मौर्य ने यह भी कहा कि आत्महत्या किसी भी समस्या का हल नहीं है और ऐसे मामलों में समाधान ढूंढ़ने के लिए हमें राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर काम करना चाहिए।

कांग्रेस के पंचायत चुनाव पर टिप्पणी

कांग्रेस द्वारा पंचायत चुनाव अकेले लड़ने के बारे में पूछे जाने पर केशव मौर्य ने कहा कि यह कांग्रेस का मसला है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि चाहे कांग्रेस अकेले चुनाव लड़े या गठबंधन करके, भाजपा के लिए कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि अंततः "कमल ही खिलेगा"।

Location : 
  • Prayagraj

Published : 
  • 5 December 2025, 9:25 AM IST