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रिश्वतखोर अफसर पर Dynamite News की करारी चोट: ताबड़तोड़ एक्शन में CDO, जल्द ही होगी निलंबन की कार्यवाही

महराजगंज जिले के लक्ष्मीपुर ब्लॉक के सिसवनिया विशुनपुर ग्रामसभा में कोटा चयन प्रक्रिया के दौरान घूस लेते एक अधिकारी का वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में एडीओ आईएसबी बृजानंद यादव को नोटों के साथ देखा गया। आरोप है कि उन्होंने 20 हजार रुपये रिश्वत ली। वीडियो वायरल होते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया है।
Post Published By: ईशा त्यागी
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रिश्वतखोर अफसर पर Dynamite News की करारी चोट: ताबड़तोड़ एक्शन में CDO, जल्द ही होगी निलंबन की कार्यवाही

Maharajganj: जिले में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। लक्ष्मीपुर ब्लॉक के सिसवनिया विशुनपुर ग्रामसभा में कोटा चयन प्रक्रिया के दौरान घूसखोरी का वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि एडीओ आईएसबी बृजानंद यादव 500-500 रुपये के नोट हाथ में लेकर कमरे में जा रहे हैं। आरोप है कि उन्होंने रिपोर्ट लगाने के नाम पर 20 हजार रुपये की रिश्वत ली।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, क्षेत्र में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों और आम लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। लोगों का कहना है कि जिन अधिकारियों को ईमानदारी से जनता के लिए योजनाएं लागू करनी चाहिए, वही खुलेआम पैसे लेकर फैसले कर रहे हैं।

इस सनसनीखेज मामले को डाइनामाइट न्यूज़ ने सबसे पहले प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबर का असर इतना बड़ा हुआ कि जिला प्रशासन को तत्काल हरकत में आना पड़ा।

जल्द हो सकता है निलंबन

मुख्य विकास अधिकारी अनुराज जैन ने डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से बातचीत में बताया कि आरोपी अधिकारी को तत्काल एनआरएलएम कार्यालय में अटैच कर दिया गया है। साथ ही पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। सीडीओ ने यह भी कहा कि रिपोर्ट आने के बाद बृजानंद यादव पर निलंबन की कार्यवाही की जाएगी।

वीडियो हो रहा वायरल

वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि बृजानंद यादव खुलेआम 20 हजार रुपए लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह रकम ग्राम पंचायत में कोटा आवंटन से संबंधित कार्य के लिए ली गई थी। जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, पूरे इलाके में गंभीर चर्चा शुरू हो गई।

तत्काल कार्रवाई की मांग

ग्रामीणों और स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि यह मामला केवल एक रिश्वत की घटना नहीं, बल्कि ग्राम पंचायत स्तर पर हो रहे व्यापक भ्रष्टाचार का प्रतीक है। लोगों ने इसे शासन-प्रशासन की बड़ी लापरवाही बताया है और आरोपी अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।

आधिकारिक बयान का इंतज़ार

अब तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। मामले की प्राथमिक जांच की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

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