Deoria: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत खोराराम गांव में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। जहां गांव निवासी कृष्णा यादव (18 वर्ष), पुत्र सुशील यादव को बीती रात एक जहरीले सांप ने डंस लिया, जिससे उसकी तबीयत तेजी से बिगड़ती चली गई।
सांप डसते ही बिगड़ी तबीयत
घटना देर रात की बताई जा रही है जब कृष्णा किसी काम से बाहर गया था। उसी दौरान परमेश्वर टोला क्षेत्र में उसे जहरीले सांप ने काट लिया। सांप के डंसते ही उसकी हालत बिगड़ने लगी। परिजनों को जब इसकी जानकारी मिली तो वे उसे तत्काल पास के झोलाछाप डॉक्टरों और ओझा के पास लेकर पहुंचे। झाड़-फूंक और देसी इलाज के माध्यम से बचाने की हर संभव कोशिश की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
डॉक्टरों ने मृत घोषित किया
तबीयत में सुधार न होने पर परिजन कृष्णा को घर ले आए, लेकिन हालत और भी नाजुक होती गई। परिजन फिर उसे लेकर महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, देवरिया पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। युवक की मौत की खबर मिलते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव
घटना की जानकारी मिलते ही देवरिया सदर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। हालांकि प्रथम दृष्टया मामला सांप के डंसने से हुई मौत का प्रतीत हो रहा है।
मृतक का परिवार अत्यंत गरीब है। उसका बड़ा भाई रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण करता है। कृष्णा यादव की असमय मौत ने पूरे परिवार को गहरे दुख में डाल दिया है। मां-बाप का रो-रो कर बुरा हाल है, वहीं गांव में भी मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय पर बेहतर इलाज मिल जाता तो शायद युवक की जान बच सकती थी।
अंधविश्वास के चक्कर में जाती हैं जानें
इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी और अंधविश्वास के चलते जान गंवाने की गंभीर समस्या को उजागर कर दिया है। बता दें कि सांप के काटने पर तत्काल एंटी-वेनम और मेडिकल सहायता मिलना आवश्यक होता है, न कि देरी करना। स्थानीय प्रशासन से ग्रामीणों ने मांग की है कि गांवों में प्राथमिक चिकित्सा सुविधा को बेहतर किया जाए और लोगों को जागरूक किया जाए कि समय पर डॉक्टर से इलाज कराना ही जीवन बचाने का सबसे कारगर तरीका है।