Lucknow: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को फिर से पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया है । यह चौथी बार है जब उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। दिसंबर 2023 में उत्तराधिकारी घोषित होने के बाद, मार्च 2024 में यह भूमिका छिन गई, फिर जून में वापस मिली। मार्च 2025 में उनका पार्टी से निष्कासन हुआ, अप्रैल में माफी मिली, और अंततः 18 मई 2025 को फिर से पद मिला। इस बार 28 अगस्त को उनका कायापलट कर दिया गया — अब उन्हें पूरा देश देखने की जिम्मेदारी दी गई है।
संगठनात्मक बदलाव का संकेत
इस बार मायावती ने आकाश को पहले से कहीं अधिक व्यापक नियंत्रण सौंपा है। अब वे किसी एक क्षेत्र विशेष के नहीं, बल्कि पूरे संगठन पर नजर रखेंगे। इससे पहले उनका कार्यक्षेत्र सीमित था—लेकिन अब पार्टी की राष्ट्रीय गतिविधियों पर उनकी पैनी नजर रहेगी।
BSP की गिरावट को लौटा सकती है नई ऊर्जा
पिछले कुछ चुनावों में BSP का प्रदर्शन लगातार गिरता रहा है। यूपी विधानसभा चुनाव में 2007 में 30%, 2022 में केवल 12% रहा और लोकसभा चुनाव 2024 में वोट प्रतिशत लगभग 9–10%, सीटें शून्य रही। संभावना जताई जा रही है कि आकाश आनंद को दोबारा ऊपर लाकर मायावती पार्टी में पुनर्गठन, संगठन में नई जान और लोक संपर्क को मजबूत करना चाहती हैं।
नेताओं की प्रतिक्रिया और आलोचना
कुछ राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि इस बार का कदम सिर्फ ‘भतीजावाद’ नहीं, बल्कि संगठन को फिर से मजबूत बनाने की कोशिश है। वहीं आलोचकों ने इसे BSP की कमजोरी और लगातार हो रही राजनीतिक विफलता का परिणाम भी बताया। बदलाव की शुरुआत हो चुकी है अब देखना है कि भविष्य में BSP अपनी पुरानी जमीन कितनी वापस पाती है।
आकाश आनंद की यह चौथी वापसी BSP में नए युग की शुरुआत का संकेत हो सकती है, खासकर चुनावों से पहले। मायावती ने उन्हें नियोजित तरीके से संगठन का राष्ट्रीय चेहरा बनाया है — अब यह देखना बाकी है कि यह बदलाव चुनावी मोर्चे पर किस कदर असरदार साबित होता है।