बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। चिनहट-देवा रोड स्थित श्रीरामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय (एसआरएमयू) ने अफसरों की मिलीभगत से करीब 5580 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया है। इस जमीन में नाली, तालाब और नवीन परती की भूमि शामिल है, जिसकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, तहसीलदार नवाबगंज भूपेंद्र विक्रम सिंह की कोर्ट ने एसआरएमयू को इस जमीन को खाली करने और करीब 28 लाख रुपये जुर्माना अदा करने का आदेश जारी किया है। यदि 30 दिनों के अंदर जमीन खाली नहीं की गई तो प्रशासन जबरन बेदखल कार्रवाई करेगा। यह आदेश अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के प्रदर्शन और लाठीचार्ज में 25 से अधिक छात्र पदाधिकारियों के घायल होने के बाद प्रशासन ने 25 अगस्त को सार्वजनिक किया है।
जमीन पर कब्जा कर अपने परिसर में मिला लिया
तहसीलदार की रिपोर्ट के अनुसार, 17 मई 2025 को क्षेत्रीय हड़ौरी ग्राम पंचायत के लेखपाल ने तहसीलदार को बताया था कि एसआरएमयू प्रशासन ने सार्वजनिक नाली (11 गाटा संख्या, 0.2750 हेक्टेअर), तालाब (एक गाटा संख्या, 0.2300 हेक्टेअर) और नवीन परती (दो ख गाटा संख्या, 0.0830 हेक्टेअर) की जमीन पर कब्जा कर अपने परिसर में मिला लिया है। संस्थान के संचालक लखनऊ निवासी पंकज अग्रवाल को इस मामले में जिम्मेदार बताया गया है।
संस्थान को नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू
जानकारी के मुताबिक, बड़े संस्थानों की स्थापना के दौरान बीच में आने वाली नाली, तालाब और नवीन परती की जमीनों का विनिमय (एक्सचेंज) किया जाता है। लेकिन एसआरएमयू के मामले में लगभग डेढ़ दशक पहले अधिकारियों की मिलीभगत से बिना विनिमय के ही जमीन पर कब्जा हो गया। तहसीलदार भूपेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि मामले में संस्थान को नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू की गई है और जल्द ही जमीन खाली कराने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।