अलीगढ़ के खैर थाना क्षेत्र के उटवारा गांव में युवक को कुत्ते के काटने के बाद रेबीज के डर से परिजनों ने चारपाई पर रसियों से बांध दिया। स्वास्थ्य केंद्र से दिल्ली रेफर किया गया। घटना ने स्थानीय लोगों में हलचल मचा दी।

कुत्ते के काटने के बाद अजीब व्यवहार
Aligarh: यूपी के अलीगढ़ के खैर थाना क्षेत्र के उटवारा गांव में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने समाज में मानवता और संवेदनशीलता पर सवाल खड़ा कर दिया है। गांव के एक युवक को कुत्ते ने काट लिया, जिसके बाद युवक की तबीयत खराब हो गई। परिजन भयभीत हो गए और उन्होंने युवक को चारपाई पर रसियों से बांध दिया।
जानकारी के अनुसार, कुत्ते के काटने के कुछ समय बाद युवक में रेबीज के लक्षण दिखाई देने लगे। परिजन डर गए कि युवक उन्हें काट सकता है या अन्य किसी को नुकसान पहुंचा सकता है। डर और अज्ञानता के चलते उन्होंने उसे चारपाई पर बांध दिया।
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गांववासियों ने बताया कि युवक के व्यवहार में असामान्य बदलाव देखने को मिले। वह अचानक उग्र और परेशान दिखाई देने लगा। डर के कारण परिवार ने सुरक्षा के तौर पर युवक को चारपाई से रसियों के माध्यम से बांध दिया। यह दृश्य किसी भी मानवता के मापदंडों के लिए चिंताजनक था।
परिजन तुरंत युवक को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले गए। वहां डॉक्टर ने प्राथमिक जांच के बाद गंभीर स्थिति देखते हुए उसे दिल्ली के किसी बड़े अस्पताल में उपचार के लिए रेफर कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, कुत्ते के काटने के बाद समय पर इलाज ना मिलने पर रोग की गंभीरता बढ़ सकती है।
गांव में हड़कंप
पशु चिकित्सक और स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि रेबीज के मामले में भय के बजाय तुरंत चिकित्सकीय इलाज जरूरी है। परिवारों को समझना चाहिए कि बंद करना या बांधना समस्या का समाधान नहीं है। समय पर टीका और इलाज से रोग पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
घटना की जानकारी होते ही गांववासियों में हलचल मच गई। कुछ लोग परिजनों के डर को समझते हुए कहते हैं कि यह अज्ञानता का मामला है, जबकि कुछ ने इसे मानवाधिकारों के उल्लंघन के रूप में देखा।
खैर थाना क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। प्रशासन की ओर से गांववासियों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने की योजना बनाई जा रही है ताकि भविष्य में ऐसे मामलों से बचा जा सके।
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विशेषज्ञ कहते हैं कि इस तरह की घटनाएं आमतौर पर लोगों में जागरूकता की कमी के कारण होती हैं। रेबीज जैसी गंभीर बीमारी के प्रति समय पर जानकारी और टीकाकरण आवश्यक है। परिवार और समुदाय को इस दिशा में शिक्षा देना बेहद जरूरी है।