बदायूं में SIR ड्यूटी में लगाए गए एक शिक्षामित्र की मौत ने सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवार का आरोप है कि अफसरों ने काम के नाम पर इतना मानसिक दबाव बनाया कि शिक्षामित्र रत्नेश कुमार यादव की जान चली गई। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने शिक्षामित्र रत्नेश यादव के परिजनों से मुलाकात की।

अजय राय ने शिक्षामित्र रत्नेश यादव के परिजनों से मुलाकात की (Img: Google)
Budaun: जिले में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के काम को लेकर एक शिक्षामित्र की मौत सियासी मुद्दा बनती जा रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने शनिवार को शिक्षामित्र रत्नेश कुमार यादव के घर पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया। परिवार का आरोप है कि अफसरों ने काम के नाम पर इतना मानसिक दबाव बनाया कि शिक्षामित्र रत्नेश कुमार यादव की जान चली गई।
परिजनों ने बताया कि रत्नेश यादव बीएलओ के रूप में काम कर रहे थे। उन पर अधिकारियों का जबरदस्त दबाव था। उन्हें दिन-रात काम के लिए बुलाया जाता था। कई बार रात के समय भी तहसील बुलाया जाता था। लगातार मानसिक तनाव और काम की टेंशन की वजह से उनकी तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ और जान चली गई।
पीड़ित परिवार से बातचीत के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि यह केवल एक मौत नहीं, सिस्टम की लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने फोन पर बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) से बात कर परिवार की तत्काल मदद की मांग की। साथ ही कहा कि जिन अधिकारियों की वजह से इतना दबाव बनाया गया। उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
अजय राय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मामले में पूरी मजबूती से बीएलओ और शिक्षामित्रों के साथ खड़ी है। उन्होंने मांग की कि रत्नेश यादव के परिवार को एक सरकारी नौकरी दी जाए और एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए। जिससे परिवार का भविष्य सुरक्षित हो सके। अगर सरकार और प्रशासन ने आंखें मूंदे रखीं तो कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक आवाज उठाएगी।
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने पूर्व जिलाध्यक्ष ओमकार सिंह को निर्देश दिए कि जब तक पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी नहीं मिल जाती। तब तक कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी रहे। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई उन हजारों कर्मचारियों की है। जिन पर बिना संसाधन और सुविधा के काम का बोझ डाला जा रहा है।