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जमीन पर अवैध कब्जे से परेशान युवक, देवरिया कलेक्ट्रेट में उठाया बड़ा कदम, मचा हड़कंप

देवरिया में एक युवक ने अपने शरीर पर पेट्रोल छिड़ककर जान देने की कोशिश की। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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जमीन पर अवैध कब्जे से परेशान युवक, देवरिया कलेक्ट्रेट में उठाया बड़ा कदम, मचा हड़कंप

देवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में सोमवार की सुबह हड़कंप मच गया, जहां कलेक्ट्रेट परिसर में एक युवक ने अपने शरीर पर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह करने का प्रयास किया। यह घटना जिलाधिकारी कार्यालय के समीप हुई, जहां उस समय जिलाधिकारी दिव्या मित्तल का जनता दरबार चल रहा था। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए युवक को तुरंत हिरासत में ले लिया और स्थिति को नियंत्रित किया। इस घटना ने प्रशासनिक व्यवस्था और राजस्व विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पीड़ित युवक की पहचान सदर कोतवाली क्षेत्र के पुरवा मेहड़ा निवासी ललित गोपाल शर्मा के रूप में हुई है। ललित ने डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को बताया कि उनकी जमीन पर कुछ लोग अवैध रूप से कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इस मामले में बार-बार तहसील प्रशासन और पुलिस प्रशासन को शिकायती पत्र सौंपे, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई।

ललित ने आरोप लगाया कि राजस्व कर्मी उनके साथ अन्याय कर रहे हैं और उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी जमीन पर छत डालने की प्रक्रिया को भी विरोधियों द्वारा बाधित किया जा रहा है।

प्रशासन ने नहीं किया आदेश का पालन

ललित गोपाल शर्मा ने आगे कहा कि उन्होंने इस मामले में न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जहां उनके पक्ष में आदेश भी जारी हुआ। इसके बावजूद, प्रशासन ने अदालत के आदेश का पालन नहीं किया और न ही कोई ठोस कदम उठाया। इस उपेक्षा और अन्याय से आहत होकर ललित ने आत्मदाह जैसे चरम कदम उठाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि मैं अपनी जमीन के लिए सालों से संघर्ष कर रहा हूं, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के कारण मुझे कोई न्याय नहीं मिल रहा। मेरे पास अब कोई रास्ता नहीं बचा।

परिसर में मची अफरातफरी

इस घटना के बाद कलेक्ट्रेट परिसर में कुछ देर के लिए अफरातफरी का माहौल रहा। पुलिस ने युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की और मामले की जांच शुरू कर दी है। ललित ने चेतावनी दी कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वह मुख्यमंत्री के दरबार में अपनी शिकायत लेकर जाएंगे। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और आम जनता में आक्रोश पैदा किया है।

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