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फतेहपुर में मुहर्रम पर निकला चुप ताजिया जुलूस, गूंजी “या हुसैन” की सदा

मुहर्रम के अवसर पर रविवार को असीराने कर्बला की याद में चुप ताजिया जुलूस निकाला गया। यह जुलूस मोहल्ला कजियाना स्थित इमामबाड़ा मुख्तार नकवी से सुबह 7 बजे शुरू होकर निर्धारित मार्गों से होता हुआ कर्बला, मान भवन (बिंदकी बस स्टॉप) पर समाप्त हुआ।
Post Published By: Rohit Goyal
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फतेहपुर में मुहर्रम पर निकला चुप ताजिया जुलूस, गूंजी “या हुसैन” की सदा

Fatehpur: फतेहपुर में मुहर्रम के अवसर पर रविवार को असीराने कर्बला की याद में चुप ताजिया जुलूस निकाला गया। यह जुलूस मोहल्ला कजियाना स्थित इमामबाड़ा मुख्तार नकवी से सुबह 7 बजे शुरू होकर निर्धारित मार्गों से होता हुआ कर्बला, मान भवन (बिंदकी बस स्टॉप) पर समाप्त हुआ।

जुलूस में सभी धर्मों के लोगों ने बड़ी संख्या में शिरकत की और इमाम हुसैन तथा उनके 72 साथियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। मौलाना आबिद रिजवी ने अपने संबोधन में कहा कि इस्लाम अमन और भाईचारे का मजहब है, जिसका आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने संदेश दिया कि आतंकवाद के नाम पर निर्दोषों का खून बहाने वाले इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं।

मौलाना मीसम सेथली ने कहा कि हजरत हुसैन ने सत्य और अहिंसा की रक्षा के लिए अपने पूरे परिवार की कुर्बानी दी। उन्होंने उल्लेख किया कि महात्मा गांधी ने भी कर्बला से अहिंसा का सबक सीखा। वहीं मौलाना मिर्जा जाफर अब्बास और मौलाना फिरोज हैदर रिज़वी ने कर्बला की शहादत को पूरी मानवता के लिए प्रेरणास्रोत बताया।

जुलूस के दौरान नौहा ख्वानी और सीना जनी की गई। “या हुसैन” की गूंज ने पूरे माहौल को गमगीन कर दिया। कार्यक्रम की सफलता में मुतवल्ली सैय्यद कसीम अब्बास नकवी और सैय्यद मुख्तार नकवी की भूमिका अहम रही। आयोजन समिति ने प्रशासन और पुलिस का आभार जताया। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पूरे मार्ग पर पुलिस बल तैनात रहा।

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