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UP News: बंद हुए परिषदीय विद्यालयों को मिली संजीवनी, 36 स्कूलों में दोबारा गूजेंगी बच्चों की आवाज

परिषदीय विद्यालयों के विलय के विरोध के बीच बाराबंकी जिले के 36 सरकारी स्कूलों में दोबारा पढ़ाई शुरू हो गई है। नामांकन बढ़ने, अभिभावकों के विरोध और स्थानीय समस्याओं को देखते हुए बीएसए ने इन स्कूलों को परीक्षणात्मक रूप से फिर से खोलने के निर्देश दिए हैं। बच्चों और ग्रामीणों में इस फैसले से खुशी की लहर है।
Post Published By: Mayank Tawer
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UP News: बंद हुए परिषदीय विद्यालयों को मिली संजीवनी, 36 स्कूलों में दोबारा गूजेंगी बच्चों की आवाज

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के विलय के फैसले के खिलाफ उठी आवाज़ों के बीच एक सकारात्मक पहलू सामने आया है। बाराबंकी जिले के 36 ऐसे सरकारी स्कूलों में फिर से कक्षाएं शुरू हो रही हैं, जिन्हें पहले कम छात्र संख्या के आधार पर बंद कर दिया गया था। खराब रास्तों, दूरी, और संसाधनों की कमी के कारण इन स्कूलों को पुनः खोलने का निर्णय लिया गया है। बीएसए संतोष देव पांडेय द्वारा जारी सूची के अनुसार 33 स्कूलों में परीक्षणात्मक तौर पर फिर से पढ़ाई शुरू कर दी गई है, जिनमें से कई में कक्षाएं पहले ही आरंभ हो चुकी हैं।

138 स्कूल किए गए थे बंद

पिछले सत्र में जिले के 138 विद्यालयों को बंद कर पास के स्कूलों में समायोजित कर दिया गया था, क्योंकि इनमें छात्र संख्या 50 से कम थी। हालांकि इस निर्णय के बाद कई क्षेत्रों में ग्रामीणों और अभिभावकों का तीखा विरोध देखने को मिला। विशेष रूप से 30 स्कूलों को लेकर मांग की गई कि बच्चों को गांव के ही स्कूल में पढ़ने का अवसर मिले, क्योंकि दूसरी जगह जाने में कठिनाइयाँ हो रही थीं।

नामांकन अभियान बना गेमचेंजर

1 से 15 जुलाई के बीच चलाए गए विशेष नामांकन अभियान ने स्थिति बदल दी। इस दौरान कई बंद किए गए विद्यालयों में छात्रों की संख्या 50 से ऊपर पहुंच गई, जिससे उनका फिर से संचालन संभव हो सका। सिद्धौर ब्लॉक के झुलापाही और आरोही गांवों में पेयरिंग के बाद भी नामांकन तेजी से बढ़ा, जिससे शासन को दोबारा जांच के आदेश देने पड़े।

खंड शिक्षा अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय

बीएसए संतोष देव पांडेय ने खंड शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट लेकर 33 स्कूलों को फिर से खोलने की सिफारिश की। सिद्धौर के खंड शिक्षा अधिकारी प्रमोद उपाध्याय ने छूलापाही और अरुई जैसे गांवों के विद्यालयों की पुनर्संचालन रिपोर्ट भेजी, जिसमें स्पष्ट किया गया कि अब इन स्कूलों में छात्र संख्या 50 के पार है। ऐसे में पेयरिंग का कोई औचित्य नहीं बचता।

बच्चों में खुशी, अभिभावकों में संतोष

सोमवार को मसौली ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय मदारपुर में जब फिर से स्कूल खोला गया तो बच्चों के चेहरे खुशी से चमक उठे। इसी तरह गिरधारीलाल पुरवा और अन्य विद्यालयों में भी बच्चों और अभिभावकों ने गर्मजोशी से स्कूल का स्वागत किया।

बीएसए ने दी जानकारी

बीएसए बाराबंकी संतोष देव पांडेय ने बताया कि जिले के 36 परिषदीय विद्यालयों में फिलहाल परीक्षण के आधार पर फिर से कक्षाएं चलाई जा रही हैं। हर पहलू का मूल्यांकन किया जाएगा और खंड शिक्षा अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा कि इन स्कूलों का संचालन स्थायी रूप से बहाल किया जाए या नहीं।

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