जिला कारागार में 26 वर्षीय किन्नर बंदी राहुल उर्फ परी ने बैरक में दुपट्टे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। हत्या प्रयास के मामले में बंद राहुल की मौत के बाद दो सिपाही लापरवाही में निलंबित। घटना से कुछ घंटे पहले अधिवक्ता से हुई थी मुलाकात।

गाजियाबाद की जेल
Ghaziabad: जिला कारागार में बुधवार रात उस समय हड़कंप मच गया, जब हत्या के प्रयास के मामले में बंद 26 वर्षीय किन्नर राहुल उर्फ परी ने संदिग्ध परिस्थितियों में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना रात करीब पौने नौ बजे की है, जब वह अपनी बैरक में दुपट्टे से लटका हुआ मिला। नियमित निरीक्षण के दौरान यह मामला सामने आया, जिसके बाद तुरंत जेल अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
जेल प्रशासन के अनुसार, राहुल वर्ष 2021 के एक मामले में आरोपी था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि सात जून 2021 को उसके भाई साहिल पर चाकू से हमला किया गया था। इस संबंध में आठ जून 2021 को दर्ज शिकायत के आधार पर पुलिस ने राहुल किन्नर और उसके भाई रोहित के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या के प्रयास (अटेम्प्ट टू मर्डर) का मुकदमा दर्ज किया था। मामले की जांच जारी रहने के दौरान अदालत ने इसी वर्ष 16 मई को राहुल को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।
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गंभीर मामले में आरोपी होने के कारण राहुल को जेल में अकेली बैरक में रखा गया था। अधिकारियों के अनुसार, बुधवार रात उसने दुपट्टे की मदद से फंदा बनाकर आत्मघाती कदम उठाया। बैरक की निगरानी के लिए तैनात पुलिसकर्मियों ने जब रूटीन चेक किया तो वह फंदे से लटका हुआ मिला।
दो सिपाही निलंबित
घटना सामने आते ही जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने इसकी रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेज दी। प्रारंभिक जांच में बैरक की निगरानी में लापरवाही पाए जाने पर जेल प्रशासन ने तैनात दोनों सिपाहियों सुभाष शर्मा और गोधन सिंह को निलंबित कर दिया है। दोनों की ड्यूटी उसी राउंड पर थी, जिसमें बंदी की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होती है।
जेल प्रशासन का कहना है कि बंदी की आत्महत्या को गंभीरता से लिया गया है और पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच की जाएगी। जेल अधीक्षक ने बताया कि आत्महत्या के पीछे क्या कारण रहा, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
आत्महत्या से कुछ घंटे पहले अधिवक्ता से हुई थी मुलाकात
घटना को लेकर एक और तथ्य सामने आया है कि बुधवार को राहुल ने अपने अधिवक्ता से जेल में मुलाकात की थी। अधिवक्ता और राहुल के बीच क्या बातचीत हुई, क्या कोई मानसिक तनाव या व्यक्तिगत दबाव था- इन सभी पहलुओं की जांच अब जेल प्रशासन और पुलिस दोनों करेंगे।
जेल के अधिकारियों का कहना है कि बंदी की मानसिक स्थिति, उसके खिलाफ चल रहे मामले की परिस्थितियाँ, बैरक में अकेले रहने का तनाव या किसी तरह की धमकी जैसी संभावनाओं को भी खंगाला जाएगा।
जेल सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
जेल में बंदियों की सुरक्षा और निगरानी को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। अकेले बैरक में रखे बंदी द्वारा आत्महत्या कर लेना, वह भी राउंड के दौरान, जेल स्टाफ की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। निरोधक बंदियों की नियमित काउंसलिंग, मानसिक स्वास्थ्य जांच और निगरानी जैसे बिंदुओं पर भी अब पुनः विचार किए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। आगे की कार्रवाई विस्तृत जांच रिपोर्ट आने के बाद की जाएगी। वहीं, राहुल की मौत से उसके परिवार में शोक और आक्रोश दोनों का माहौल है। परिवारजन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे कदम उठाने की बात कह रहे हैं। जेल में हुई यह आत्महत्या एक बार फिर यह संकेत देती है कि बंदियों की सुरक्षा व्यवस्था में कई कमियां हैं, जिन पर सुधार के लिए तुरंत कदम उठाए जाने की जरूरत है।
Ghaziabad: जिला कारागार में बुधवार रात उस समय हड़कंप मच गया, जब हत्या के प्रयास के मामले में बंद 26 वर्षीय किन्नर राहुल उर्फ परी ने संदिग्ध परिस्थितियों में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना रात करीब पौने नौ बजे की है, जब वह अपनी बैरक में दुपट्टे से लटका हुआ मिला। नियमित निरीक्षण के दौरान यह मामला सामने आया, जिसके बाद तुरंत जेल अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
जेल प्रशासन के अनुसार, राहुल वर्ष 2021 के एक मामले में आरोपी था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि सात जून 2021 को उसके भाई साहिल पर चाकू से हमला किया गया था। इस संबंध में आठ जून 2021 को दर्ज शिकायत के आधार पर पुलिस ने राहुल किन्नर और उसके भाई रोहित के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या के प्रयास (अटेम्प्ट टू मर्डर) का मुकदमा दर्ज किया था। मामले की जांच जारी रहने के दौरान अदालत ने इसी वर्ष 16 मई को राहुल को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।
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गंभीर मामले में आरोपी होने के कारण राहुल को जेल में अकेली बैरक में रखा गया था। अधिकारियों के अनुसार, बुधवार रात उसने दुपट्टे की मदद से फंदा बनाकर आत्मघाती कदम उठाया। बैरक की निगरानी के लिए तैनात पुलिसकर्मियों ने जब रूटीन चेक किया तो वह फंदे से लटका हुआ मिला।
दो सिपाही निलंबित
घटना सामने आते ही जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने इसकी रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेज दी। प्रारंभिक जांच में बैरक की निगरानी में लापरवाही पाए जाने पर जेल प्रशासन ने तैनात दोनों सिपाहियों सुभाष शर्मा और गोधन सिंह को निलंबित कर दिया है। दोनों की ड्यूटी उसी राउंड पर थी, जिसमें बंदी की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होती है।
जेल प्रशासन का कहना है कि बंदी की आत्महत्या को गंभीरता से लिया गया है और पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच की जाएगी। जेल अधीक्षक ने बताया कि आत्महत्या के पीछे क्या कारण रहा, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
आत्महत्या से कुछ घंटे पहले अधिवक्ता से हुई थी मुलाकात
घटना को लेकर एक और तथ्य सामने आया है कि बुधवार को राहुल ने अपने अधिवक्ता से जेल में मुलाकात की थी। अधिवक्ता और राहुल के बीच क्या बातचीत हुई, क्या कोई मानसिक तनाव या व्यक्तिगत दबाव था- इन सभी पहलुओं की जांच अब जेल प्रशासन और पुलिस दोनों करेंगे।
जेल के अधिकारियों का कहना है कि बंदी की मानसिक स्थिति, उसके खिलाफ चल रहे मामले की परिस्थितियाँ, बैरक में अकेले रहने का तनाव या किसी तरह की धमकी जैसी संभावनाओं को भी खंगाला जाएगा।
जेल सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
जेल में बंदियों की सुरक्षा और निगरानी को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। अकेले बैरक में रखे बंदी द्वारा आत्महत्या कर लेना, वह भी राउंड के दौरान, जेल स्टाफ की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। निरोधक बंदियों की नियमित काउंसलिंग, मानसिक स्वास्थ्य जांच और निगरानी जैसे बिंदुओं पर भी अब पुनः विचार किए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। आगे की कार्रवाई विस्तृत जांच रिपोर्ट आने के बाद की जाएगी। वहीं, राहुल की मौत से उसके परिवार में शोक और आक्रोश दोनों का माहौल है। परिवारजन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे कदम उठाने की बात कह रहे हैं। जेल में हुई यह आत्महत्या एक बार फिर यह संकेत देती है कि बंदियों की सुरक्षा व्यवस्था में कई कमियां हैं, जिन पर सुधार के लिए तुरंत कदम उठाए जाने की जरूरत है।