Site icon Hindi Dynamite News

राहुल की अयोग्यता पर असम विधानसभा में हंगामा, तीन विधायक निलंबित

अदालत के फैसले के बाद राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने के विरोध में कांग्रेस के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को लेकर असम विधानसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
राहुल की अयोग्यता पर असम विधानसभा में हंगामा, तीन विधायक निलंबित

गुवाहाटी: अदालत के फैसले के बाद राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने के विरोध में कांग्रेस के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को लेकर असम विधानसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ।

हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी ने दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित की और कांग्रेस के दो विधायकों एवं एक निर्दलीय विधायक को दिन भर के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया। वहीं, कांग्रेस के विधायक विरोध स्वरूप काले कपड़ों में सदन पहुंचे।

नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया के कार्य स्थगन प्रस्ताव का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने आश्चर्य जताया कि क्या कांग्रेस राहुल गांधी के विचारों का विरोध नहीं कर रही है जिन्होंने (राहुल) उस अध्यादेश की प्रति फाड़ दी थी, जो उन्हें बचा सकता था।

बाद में, विधानसभा अध्यक्ष ने कार्य स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

जैसे ही प्रश्नकाल खत्म हुआ, दैमारी ने नेता विपक्ष देबब्रत सैकिया को नोटिस का जिक्र करने और प्रस्ताव की स्वीकार्यता पर बोलने को कहा।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम भारत की राष्ट्रपति को संविधान की रक्षा करने का अनुरोध करते हुए एक प्रस्ताव भेजना चाहते हैं। संविधान सभी के लिए समान है और कार्यपालिका को इसकी रक्षा के लिए निष्पक्ष रूप से कार्य करना चाहिए।’’

संसद सदस्यता से अयोग्यता के संबंध में संविधान में विभिन्न अनुच्छेदों का उल्लेख करते हुए उन्होंने जोर दिया कि गांधी की अयोग्यता में संविधान का उल्लंघन हुआ है।

प्रस्ताव पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा, ‘‘यह अभूतपूर्व है कि हम यहां न्यायिक मामले पर अपने विचार रख रहे हैं। मैं जानता हूं कि बीती रात कांग्रेस विधायक दल की बैठक में यहां हंगामा करने के बारे में फैसला किया गया।’’

कांग्रेस विधायक दल के उपनेता रकिबुल हुसैन ने जब इस बयान का विरोध किया तो शर्मा ने बाद में बाद में अपने दावे के इस हिस्से को वापस ले लिया कि ‘‘विपक्षी दल के किसी व्यक्ति ने उन्हें उनकी योजनाओं के बारे में मंगलवार की रात सूचित किया था’’।

इसे लेकर कांग्रेस विधायकों ने विरोध करते हुए हंगामा किया तथा इसके बाद ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एयूआईडीएफ), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) एवं अन्य विपक्षी सदस्य एवं निर्दलीय विधायक आसन के सामने आ गए।

उन्होंने राहुल गांधी, संविधान और लोकतंत्र के पक्ष में नारे लगाए और उनके समर्थन में लिखे नारों वाली तख्तियां दिखाईं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य भी आसन के सामने आ गए और उन्होंने गांधी की आलोचना करते हुए नारे लगाए।

दैमारी ने फिर से सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

विधानसभा अध्यक्ष ने फिर चर्चा के लिए सदन के पटल पर अगला विषय रखा और स्थायी समिति की विभिन्न रिपोर्ट को पेश करने की अनुमति दी।

जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो शर्मा जवाब देने के लिए उठे जिस पर विपक्ष के सदस्यों ने यह कहकर आपत्ति जताई कि ‘‘मामला अब खत्म हो गया है।’’

लेकिन मुख्यमंत्री ने सदन की बैठक आधी रात तक चलाकर जवाब देने की ठान ली तो, कांग्रेस विधायक और निर्दलीय सदस्य अखिल गोगोई फिर से तख्तियां दिखाते हुए आसन के सामने पहुंच गए। अध्यक्ष द्वारा बार-बार कहे जाने पर भी गोगोई और अन्य अपनी सीट पर नहीं गए। इस पर अध्यक्ष ने गोगोई को पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया और मार्शल से उन्हें बाहर ले जाने को कहा।

इसके बाद अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायकों-कमलाख्या डे पुरकायस्थ और जाकिर हुसैन सिकदर को भी दिन भर के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया। विधानसभा के मार्शल इन तीनों विधायकों को सदन से बाहर ले गए।

मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, ‘‘मैं अखिल गोगोई और कमलाख्या डे पुरकायस्थ को पांच अप्रैल तक, सदन की पूरी बैठक के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखता हूं।’’ असम विधानसभा का बजट सत्र पांच अप्रैल को पूरा होने वाला है।

Exit mobile version