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Uttarakhand Budget Session: बजट सत्र में विपक्ष का हंगामा, राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान जमकर नारेबाजी

उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को कांग्रेस सदस्यों ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह के अभिभाषण के दौरान कथित भर्ती परीक्षा घोटाले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से जांच कराए जाने की मांग करते हुए राज्य की भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Uttarakhand Budget Session: बजट सत्र में विपक्ष का हंगामा, राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान जमकर नारेबाजी

गैरसैंण: उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को कांग्रेस सदस्यों ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह के अभिभाषण के दौरान कथित भर्ती परीक्षा घोटाले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से जांच कराए जाने की मांग करते हुए राज्य की भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

सदन की कार्यवाही शुरू होने पर जैसे ही राज्यपाल ने अपना अभिभाषण पढ़ना शुरू किया, कांग्रेस सदस्य भर्ती परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के आसन के सामने पहुंच गए और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। राज्यपाल के 16 पृष्ठों के अभिभाषण के दौरान नारेबाजी लगातार जारी रही।

अभिभाषण के अंत में सिंह ने नारे लगा रहे विपक्षी सदस्यों से शांत रहने की अपील की जिसके बाद कुछ देर के लिए सदन में शांति छायी रही। समापन से पूर्व राज्यपाल ने देश तथा राज्य के शहीदों का स्मरण करते हुए उनका नमन किया।

बाद में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन में कांग्रेस सदस्यों के आचरण की निंदा की ।

उन्होंने कहा, ‘‘ राज्यपाल का अभिभाषण पूरे प्रदेश की एक झलक होती है, जिसमें सरकार के विकास संबंधी मुद्दों का खाका होता है। जब राज्यपाल अपना अभिभाषण पढ रहे हों, उस समय नारेबाजी करना स्वस्थ परंपरा नहीं है।’’

राज्यपाल अपना अभिभाषण पढ़ते रहे जिसमें उन्होंने सरकार की उपलब्धियों, विशेष रूप से महिला सशक्तीकरण और अल्पसंख्यकों के बीच शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला।

राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में राज्य की मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजना का जिक्र किया जिसके तहत अल्पसंख्यक समुदायों की छात्राओं में ड्रॉपआउट (स्कूल छोड़ने) दर कम करने के उद्देश्य से समुदाय की मेधावी छात्राओं को अधिकतम 25,000 रुपये का अनुदान दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हुनर ​​योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदायों के कौशल विकास पर नए सिरे से जोर दिया जा रहा है।

इसके अलावा, राज्यपाल ने वृद्धों, विधवाओं और शारीरिक रूप से दिव्यांगों को दी जाने वाली पेंशन की राशि में वृद्धि, प्राचीन मंदिरों के आसपास पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे का निर्माण, अमृत सरोवर योजना के तहत जल निकायों का निर्माण और अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा देने जैसे राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि सरकार ने उत्तराखंड में स्थायी रूप से रहने वाली महिलाओं को राजकीय सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैजित आरक्षण देने के लिए कानून लागू किया है ।

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 21 वीं सदी में आत्मनिर्भर भारत का उदय हो रहा है और प्रधानमंत्री के 21 वी शताब्दी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने के स्वप्न को साकार करने के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है।

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