यूपी के सांसदों-विधायकों की बढ़ी मुसीबत, विशेष अदालत का गठन, होगी लंबित मामलों की तेजी से सुनवाई
यूपी के सांसदों, विधायकों के खिलाफ विभिन्न अदालतों में चल रहे अापराधिक मुकदमों को शीघ्र निपटाने के लिये सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विशेष अदालत का गठन कर दिया है। इससे राज्य के ‘माननीयों’ के खिलाफ लगभग दो हजार अापराधिक में तेजी आ जायेगी। ‘माननीयों’ की स्पेशल कोर्ट से संबंधित डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
इलाहाबाद: राज्य के सांसदों, विधायकों के खिलाफ चल रहे अापराधिक मुकदमों के शीघ्र निस्तारण के लिये यूपी में विशेष अदालत का गठन कर दिया गया है। यह व्यवस्था हाई कोर्ट द्वारा कुछ माह पहले जारी की गयी एक अधिसूचना के बाद की गयी है। यूपी से संबंधित सांसदों, विधायकों के खिलाफ इस तरह के लगभग दो हजार लंबित मामलों की सुनवाई इसी अदालत में होगी।
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सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक जनहित याचिका पर सुनवाई पर दिये गये फैसले के बाद हाई कोर्ट द्वारा गठित इस स्पेशल कोर्ट में विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी की नियुक्ति की गयी है। बुधवार को उन्होंने अपना कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है। विशेष न्यायाधीश ने सुनवाई के लिये सभी सांसदों, विधायकों के खिलाफ चल रहे अपराधिक मुकदमों की सुनवाई के लिये संबंधित न्यायालयों से उनकी लीगल फाइलों को भी तलब कर दिया है, लेकिन अभी तक फाइलें यहां ट्रांसफर नहीं हो सकी।
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राज्य से संबंधित जिन नेताओं के खिलाफ अपराधिक मुकदमे दर्ज है, उनकी फेहरिस्त काफी लंबी है लेकिन कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह, पूर्व मंत्री आजम खां, पूर्व सांसद अतीक अहमद, भाजपा विधायक संगीत सोम, भदोही के विधायक विजय मिश्रा, कपिलमुनि करवरिया आदि के मामले काफी चर्चित है।