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एचडीआईएल प्रवर्तक राकेश वधावन को तीन महीने की अंतरिम जमानत

उच्चतम न्यायालय ने पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक के 4,300 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में फंसे हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के प्रवर्तक राकेश वधावन को बृहस्पतिवार को चिकित्सा आधार पर तीन महीने की अंतरिम जमानत दे दी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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एचडीआईएल प्रवर्तक राकेश वधावन को तीन महीने की अंतरिम जमानत

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक के 4,300 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में फंसे हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के प्रवर्तक राकेश वधावन को बृहस्पतिवार को चिकित्सा आधार पर तीन महीने की अंतरिम जमानत दे दी।

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने वधावन को जमानत देते समय उनकी चिकित्सीय स्थिति पर गौर किया।

पीठ ने कहा, ‘‘मेडिकल रिपोर्ट देखने और उनकी स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए, हमारा विचार है कि याचिकाकर्ता को चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा सकता है। उन्हें अपने खर्च पर पुलिस हिरासत में अपने आवास में रहने की अनुमति दी जाएगी। उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यक पुलिसकर्मियों की संख्या राज्य सरकार द्वारा तय की जाएगी और राज्य साप्ताहिक आधार पर उनके लिए बिल जारी करेगा।’’

शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि यदि आवश्यक हो तो वधावन को इलाज के लिए जेजे अस्पताल मुंबई ले जाया जाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि वहां इलाज उपलब्ध नहीं है तो उन्हें किसी निजी अस्पताल में ले जाया जा सकता है।

वधावन ने मेडिकल आधार पर जमानत देने से इनकार करने के बम्बई उच्च न्यायालय के 26 अक्टूबर के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था।

यह आदेश तब आया जब 71 वर्षीय वधावन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनके मुवक्किल चार साल से जेल में है और विभिन्न बीमारियों से पीड़ित है।

उन्होंने वधावन की स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए उनकी मेडिकल रिपोर्ट रिकॉर्ड में रखी। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने यस बैंक से 200 करोड़ रुपये के कथित ऋण धोखाधड़ी के संबंध में अक्टूबर 2020 में राकेश वधावन और सारंग वधावन के खिलाफ मामला दर्ज किया था और वे कई एजेंसियों द्वारा जांच का सामना कर रहे हैं।

पीएमसी बैंक में 4,300 करोड़ रुपये से अधिक की कथित ऋण धोखाधड़ी को लेकर धनशोधन रोधी अधिनियम के एक अन्य मामले के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भी उनके खिलाफ जांच की जा रही है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिकारियों ने कहा था कि कंपनी ने मुंबई के गोरेगांव (पश्चिम) में पांच चरणों में 40 एकड़ भूमि के विकास के लिए महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) के साथ कथित तौर पर 3,167 करोड़ रुपये का विकास अनुबंध किया था।

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