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24 महीने में 16 बार मां बनीं ये महिला, फिर भी पैदा नहीं हुआ एक भी बच्चा, पढ़िए दिलचस्प कहानी

एक महिला ने सरकार को योजना में बड़ा चुना लगाया है। यह महिला 24 महीने में 16 बार मां बन गई, लेकिन एक भी बच्चा पैदा नहीं हुआ। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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24 महीने में 16 बार मां बनीं ये महिला, फिर भी पैदा नहीं हुआ एक भी बच्चा, पढ़िए दिलचस्प कहानी

आगरा: कोविड महामारी के दौरान सरकारी योजनाओं के नाम पर बड़ा वित्तीय घोटाला आगरा में उजागर हुआ है। वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक फर्जी खातों के जरिए महिलाओं के नाम पर जननी सुरक्षा योजना (JSY) और नसबंदी योजना में लाखों रुपये का घोटाला किया गया। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार ताजा मामले में फतेहाबाद सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) में एक महिला के नाम पर फर्जी तरीके से 16 बार प्रसव और 4 बार नसबंदी दिखाकर 30,400 रुपए की धनराशि निकाल ली गई।

एक ही महिला के नाम पर दो साल में 20 भुगतान

फतेहाबाद की रहने वाली भूरी के नाम पर की गई जांच में खुलासा हुआ कि 7 फरवरी 2022 से लेकर 31 मार्च 2024 तक उसके नाम पर 20 बार भुगतान किया गया। इसमें 16 बार प्रसव दिखाते हुए प्रति बार ₹1,400 की दर से कुल 22,400 रुपए की धनराशि और 4 बार नसबंदी दर्शाकर 8,000 रुपए की निकासी हुई।

पहले भी पकड़े जा चुके हैं ऐसे चार मामले

इससे पहले भी फतेहाबाद सीएचसी में चार महिलाओं के नाम पर इसी तरह के घोटाले सामने आ चुके हैं। सीएमओ डॉ.अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक पांच संदिग्ध खातों में गड़बड़ी की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से अधिकतर मामलों में आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। दो आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

सरगना अशोक खुद खुलवाता था फर्जी खाते

पुलिस जांच में सामने आया है कि फतेहाबाद के नगला कदम गांव निवासी अशोक कुमार "स्वयं सहायता समूह" के नाम पर महिलाओं के फर्जी खाते खुलवाता था। वह बैंक में मोबाइल नंबर खुद का दर्ज करवा कर पासबुक भी अपने पास रखता था। जिससे वह योजनाओं के तहत आने वाली धनराशि को खुद निकालता था। संदेह है कि उसने अन्य सरकारी योजनाओं में भी इसी तरह फर्जीवाड़ा किया है, जिसे लेकर संबंधित बैंकों से जांच कराई जा रही है।

अभी भी फरार हैं डाटा एंट्री, ऑपरेटर और लेखा प्रबंधक

घोटाले में ब्लॉक लेखा प्रबंधक अजहर और डाटा एंट्री ऑपरेटर गौतम सिंह अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस की टीमें आगरा, शमसाबाद और फतेहाबाद में दबिश दे चुकी हैं लेकिन अब तक इन दोनों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इस घोटाले में मुख्य सरगना अशोक कुमार, ब्लॉक लेखा प्रबंधक नीरज अवस्थी और ब्लॉक कार्यक्रम अधिकारी गौरव थापा पहले से जेल में बंद हैं।

प्रशासन की सख्त जांच जारी

सीएमओ कार्यालय के मुताबिक फतेहाबाद सीएचसी से जुड़े सभी लाभार्थी खातों और भुगतान रिकॉर्ड की गहन जांच की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और पूरी प्रक्रिया की निगरानी उच्चस्तरीय टीम द्वारा की जा रही है।

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