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Sunita Williams Health: धरती पर लौटने के बाद सुनीता विलियम्स को हो सकती हैं ये स्वास्थ्य समस्याएं

अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के बाद एस्ट्रोनॉट के शरीर में कई बदलाव देखने को मिलते हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Sunita Williams Health: धरती पर लौटने के बाद सुनीता विलियम्स को हो सकती हैं ये स्वास्थ्य समस्याएं

नई दिल्ली: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 286 दिनों के बाद स्पेस से धरती पर वापस लौट आई हैं। बीते साल जून में दोनों अंतरिक्ष में गए थे। उनका यह मिशन तकनीकी दिक्कतों और शेड्यूल में बदलाव के चलते काफी चुनौतीपूर्ण रहा।

सुनीता विलियम्स- बैरी विल्मोर व अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को स्ट्रेचर से नासा के फ्लोरिडा स्टेशन के करीब स्थित लैब में ले जाया गया, जहां उनकी और अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से लौटे अंतरिक्ष यात्रियों की जांच हुई।

इसके बाद सुनीता कुछ समय पुनर्वास केंद्र में बिताएंगी और वैज्ञानिकों से क्लियरेंस मिलने के बाद उनका परिवारवालों से मिलना सुनिश्चित हो जाएगा। 

सुनीता विलियम्स- बैरी विल्मोर फ्लोरिडा स्टेशन जाते हुए

बता दें कि यान में आयी तकनीकी खराबी के कारण उन्हें अंतरिक्ष में नौ महीनों का समय बिताना पड़ा। 

अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण बहुत कम होने तथा प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण सेहत पर कई तरह से नकारात्मक असर होता है। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को धरती पर वापस आने के बाद कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

सुनीता विलियम्स बैरी विल्मोर के साथ

जानकारी के अनुसार अंतरिक्ष यात्रा एक असाधारण अनुभव है, जिसके लिए यात्रियों को पहले से ट्रेनिंग दी जाती है। हालांकि माइक्रोग्रैविटी में एक लंबा समय बिताने के दौरान अंतरिक्ष यात्री महत्वपूर्ण शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों से गुजरते हैं। 

आइए जानते हैं कि धरती पर वापसी के बाद सुनीता विलियम्स को किन-किन स्वास्थ्य संबंधी परिशानियों का सामना कर पड़ सकता है।

स्वास्थ्य संबंधित इन समस्याऐं

धरती पर वापसी के बाद सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को कुछ महीनों तक और भी कई समस्याएं बनी रह सकती हैं।
1. अंतरिक्ष में ग्रैविटी कम होने के कारण हड्डियों का घनत्व और मांसपेशियों की समस्या हो सकती है। वापस लौटने के बाद लंबे समय तक इससे संबंधित दिक्कतें परेशान करने वाली हो सकती हैं।
2. अंतरिक्ष यात्रियों की हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं। अंतरिक्ष में 10 महीने रहने के बाद विलियम्स और विल्मोर को वापस लौटने पर फ्रैक्चर होने या इससे संबंधित कई दिक्कतें बनी रह सकती हैं।
3. अंतरिक्ष में रहने के कारण हृदय, मस्तिष्क और संचार प्रणाली भी प्रभावित होती है। अंतरिक्ष में माइक्रोग्रैविटी के कारण मस्तिष्क में तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ने लगती है। इससे सुनने की क्षमता में कमी, दृष्टि की कमजोरी और सेरेब्रल एडिमा यानी मस्तिष्क में सूजन होने की दिक्कत भी हो सकती है।
4. अंतरिक्ष में स्पेस रेडिएशन के कारण अंतरिक्ष यात्रियों में दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कैंसर, डिजनरेटिव डिजीज और तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याओं का खतरा भी रहता है।

एक्सपर्ट के मुताबिक अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस सामान्य होने में कई हफ्ते लगते हैं। मेडिकल जांच की प्रक्रिया से निकलने के बाद दोनों अंतरिक्ष यात्री मिशन के दौरान हुए अपने अनुभव, चुनौतियों और सफलताओं के बारे में बताएंगे। इसके बाद उनको अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने का समय मिलेगा।

परिवार के साथ समय बिताना अंतरिक्ष यात्रियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इससे उन्हें अपने प्रियजनों से जुड़ने और पृथ्वी पर वापस सामान्य जीवन में लौटने में मदद मिलती है।

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