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श्रेयस अय्यर ने कहा सकारात्मक मानसिकता बनाए रखना मुश्किल समय में महत्वपूर्ण

जब किसी को बार-बार चोटों से जूझना पड़ता है तो संदेह पैदा हो सकता है, लेकिन श्रेयस अय्यर का कहना है कि यह अपनी क्षमताओं पर उनका अटूट विश्वास था जिसने उन्हें अकेलेपन के दौर से उबरने में मदद की। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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श्रेयस अय्यर ने कहा सकारात्मक मानसिकता बनाए रखना मुश्किल समय में महत्वपूर्ण

इंदौर: जब किसी को बार-बार चोटों से जूझना पड़ता है तो संदेह पैदा हो सकता है, लेकिन श्रेयस अय्यर का कहना है कि यह अपनी क्षमताओं पर उनका अटूट विश्वास था जिसने उन्हें अकेलेपन के दौर से उबरने में मदद की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार भारत ने एशिया कप जीता जिसमें अय्यर ने पीठ की सर्जरी के कारण छह महीने बाद वापसी की लेकिन टूर्नामेंट के बीच में पीठ में ऐंठन के कारण उन्हें दो सप्ताह के दौरान केवल एक बार बल्लेबाजी करने का मौका मिला।

हालांकि पाकिस्तान के खिलाफ भारत के शुरुआती मैच में उन्होंने नौ गेंद पर 14 रन बनाए जिससे उन्हें बहुत आत्मविश्वास मिला और वह एक और मौके का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।

आखिरकार पिछले हफ्ते मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले एकदिवसीय मैच में यह मौका आया लेकिन वह रन आउट हो गए। विश्व कप के लिए भारत के मध्यक्रम में जगह बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे अय्यर ने हालांकि रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में दबाव के बीच शतक जड़ा।

अय्यर ने 90 गेंदों पर 105 रन की मैच विजयी पारी खेलने के बाद कहा, ‘‘मैं मजबूती से वापसी करने के लिए बेताब था। मैं पिछले मैचों में मिली शुरुआत को अच्छी पारी में बदलने का इंतजार कर रहा था। आज मुझे मौका मिला, मैं आभारी हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मैं अपनी क्षमताओं पर संदेह नहीं कर रहा था क्योंकि मुझे पता था कि मैं नेट में शानदार बल्लेबाजी कर रहा हूं, साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ मुझे जो शुरुआत मिली थी। बस एक पारी की बात थी और मुझे पता था कि यह करीब है, शुक्र है कि मैं इसे बड़ी पारी में बदल पाया।

अय्यर को इस बात की पूरी जानकारी थी कि उन्हें किस तरह की प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है लेकिन एशिया कप के अधिकांश मैच नहीं खेल पाने के बावजूद वह शांत रहने में कामयाब रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर यह काफी उतार-चढ़ाव भरा था। ईमानदारी से कहूं तो मैं खुद को धन्यवाद देना चाहता हूं। उस समय अपनी क्षमताओं और मानसिकता पर विश्वास करने के लिए। मैं थोड़ा अकेला महसूस कर रहा था लेकिन मेरे फिजियो, मेरे प्रशिक्षकों, मेरे परिवार को धन्यवाद। उन्होंने मेरा समर्थन किया, उनके आसपास रहने के लिए आभारी हूं।’’

अय्यर परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपने तीसरे एकदिवसीय शतक को काफी ऊपर आंकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरी बेहतरीन पारियों में से एक थी, खासकर चोट से उबरने के बाद। मैं वापसी करने और टीम के लिए प्रदर्शन करने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। ये सभी मुकाबले हमें विश्व कप से पहले मिल रहे हैं, यह हमारे लिए एक अच्छा मंच है, खासकर मेरे लिए।’’

उन्होंने सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल की प्रशंसा की जिनके साथ उन्होंने 200 रन की साझेदारी की जिससे भारत पांच विकेट पर 399 रन बनाने में सफल रहा।

भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई दोनों टीम प्रबंधन विश्व कप को ध्यान में रखते हुए श्रृंखला में प्रमुख खिलाड़ियों को आराम दे रहे हैं। भारत ने रविवार को ऑस्ट्रेलिया को पिछले पांच वनडे मैचों में लगातार पांचवीं शिकस्त् देकर श्रृंखला अपने नाम कर ली।

अय्यर अपनी पारी के अंत में ऐंठन से जूझ रहे थे लेकिन ऑस्ट्रेलिया की पारी में क्षेत्ररक्षण के लिए आए।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अब ठीक हूं लेकिन मुझे गंभीर ऐंठन हो रही थी। मैं अपनी पकड़ नहीं बना पा रहा था। यहां तक कि गेंदबाज को कैच भी दे बैठा (जिसे टीवी अंपायर ने पलट दिया क्योंकि गेंदबाज का कैच लेते हुए गेंद पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं था), मैं बस निचले हाथ से खेला।’’

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