डाइनामाइट न्यूज़ पहुंचा रामनाथ कोविंद के पैतृक निवास..

बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति के एनडीए उम्मीदवार बनाए जाने की खबर सुनकर गांव वाले झूम उठे हैं। डाइनामाइट न्यूज़ सबसे पहले रामनाथ कोविंद के पैतृक गांव कानपुर देहात के परोंख पहुंचा और कोविंद के परिवार वालों, सहपाठी और ग्रामीणों से एक्सक्लूसिव बातचीत की।

Updated : 19 June 2017, 6:40 PM IST
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कानपुर: राष्ट्रपति के एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के पैतृक निवास में डाइनामाइट न्यूज़ की टीम पहुंची। भले ही रामनाथ बिहार के राज्यपाल हों लेकिन सबसे ज्यादा खुशी का माहौल कानपुर के परौंखा गांव में है। ऐसा इसलिए क्योंकि रामनाथ कोविंद का जन्म इसी गांव में हुआ था। खबर सुनकर रामनाथ कोविंद के पैतृक गांव के लोग झूम उठे और आपस में मिठाई बांटकर खुशी जाहिर की। जश्न की पहली तस्वीर सिर्फ डाइनामाइट न्यूज़ पर..

रामनाथ कोविंद की फोटो लेकर खुशी जताते ग्रामीण

लोगों के चेहरे पर खुशी साफ तौर पर झलक रही है। ग्रामीणों ने रामनाथ कोविंद की फोटो लेकर खुशी जताई। इसके अलावा ग्रामीणों ने गाना गाकर और वाद्य-यंत्र बजाकर खुशी का इजहार किया।

मिठाई बांटते परिजन

रामनाथ कोविंद के उम्मीदवार बनने की खुशी में गांव वासियों ने मिठाई बांटकर खुशियां मनाई।

आम खाने के शौकीन हैं रामनाथ कोविंद

रामनाथ कोविंद के बचपन के सहपाठी विजय पाल ने डाइनामाइट न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि रामनाथ कोविंद को आम खाना बहुत पसंद है। बचपन में हम साथ में आम खाने जाया करते थे। आज इस खबर से सब बहुत खुश हैं। खुशी में ग्रामीणों ने घी के दीपक जलाए।

रामनाथ के भाई-बहन

रामनाथ कोविंद के चार भाई हैं। मोहन लाल, शिवालक, राम स्वरूप और प्यारेलाल साथ ही रामनाथ की 2 बहनें भी हैं। भाई मोहनलाल और शिवालक अब इस दुनिया मे नहीं हैं। बाकी दोनों भाई प्यारेलाल.. झींझक में रहते हैं और राम स्वरूप गुना में रहते हैं। बता दें कि दोनों बहनें भी अब इस दुनिया में नहीं है। परोंख गांव में इनके परिवार के चाचा, भतीजे उनके बच्चे करीब 4 से 5 लोग ही रहते हैं।

 

Published : 
  • 19 June 2017, 6:40 PM IST

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