Site icon Hindi Dynamite News

PM Modi Independence day: मेडिकल की शिक्षा के लिए नहीं जाना पड़ेगा विदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस पर मेडिकल की पढ़ाई के लिए नई सीटें बढ़ाने का ऐलान किया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
PM Modi Independence day: मेडिकल की शिक्षा के लिए नहीं जाना पड़ेगा विदेश

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के अवसर पर लाल किले (Red Fort) की प्राचीर से बड़ा ऐलान किया है। पीएम मोदी ने कहा कि अगले पांच वर्षों में भारत के मेडिकल कॉलेजों में 75,000 नई सीटें(Seat) बढ़ाई जाएंगी। जिससे देश के छात्रों को विदेशों (Abroad) में मेडिकल की पढ़ाई (Medical studies) के लिए नहीं जाना पड़ेगा। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प के लिए स्वस्थ भारत बहुत जरूरी है और केंद्र सरकार इस दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है।

राष्ट्रीय पोषण मिशन किया शुरू
पीएम मोदी ने कहा कि हमने पिछले 10 साल में मेडिकल की सीटों को करीब-करीब एक लाख कर दिया है। करीब-करीब 25 हजार युवा हर साल विदेश में मेडिकल एजुकेशन के लिए जाते हैं। ऐसे-ऐसे देश में जाना पड़ रहा है, जिसे सुनता हूं तो हैरान रह जाता हूं। इसलिए हमने तय किया है कि अगले 5 साल में मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें बनाई जाएंगी। विकसित भारत 2047, 'स्वस्थ भारत' भी होना चाहिए और इसके लिए हमने राष्ट्रीय पोषण मिशन शुरू किया है।

पीएम मोदी ने मेडिकल सीट को लेकर किया बड़ा एलान 

महिला के खिलाफ अत्याचार जघन्य अपराध
पीएम मोदी ने कहा कि मैं आज लाल किले से एक बार फिर अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। एक समाज के तौर पर हमें महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के बारे में गंभीरता से सोचना होगा। देश में इसके खिलाफ आक्रोश है। मैं इस आक्रोश को महसूस कर सकता हूं। देश, समाज, राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों की शीघ्र जांच हो। इन राक्षसी कृत्यों को अंजाम देने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा मिले- यह समाज में विश्वास पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण है।

सजा पाने वालों पर भी व्यापक चर्चा हो
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जब भी महिलाओं के साथ बलात्कार या अत्याचार की घटनाएं होती हैं तो उसकी व्यापक चर्चा होती है, लेकिन जब ऐसे राक्षसी प्रवृत्ति के व्यक्ति को सजा मिलती है तो यह बात खबरों में नहीं बल्कि एक कोने तक ही सीमित रह जाती है।

समय की मांग है कि सजा पाने वालों पर व्यापक चर्चा की जाए ताकि यह पाप करने वाले समझें कि इससे फांसी होती है। मुझे लगता है कि यह डर पैदा करना बहुत ज़रूरी है।

Exit mobile version