महराजगंजः कड़ाके की ठंड से लोग बेहाल, दलहन और तिलहन की खेती पर संकट, जानिये ये अपडेट

नेपाल से चली पछुआ हवाओं ने ठंड और गलन को बढ़ा दिया है। शीत लहर से जहां लोग खासे परेशान हैं वहीं इससे दलहन और तिलहन की खेती पर भी संकट के बादल छाते जा रहे है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 28 December 2022, 3:03 PM IST
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महराजगंजः जनपद में शीत लहरों का प्रकोप जारी है। कड़ाके की ठंड ने जनजीवन प्रभावित कर दिया है। बुधवार को हाड़ कंपा देने वाली ठंड ने सभी को बेचैन कर दिया। शहर से लेकर गांव तक सभी जगह ठंड का कहर जारी है। पछुवा हवा ने गलन को और बढ़ा दिया है। इससे दलहन और तिलहन की खेती पर संकट के बादल मंडराने शुरू हो गये है। 

पड़ताल में खुली नपा प्रशासन की पोल 
डाइनामाइट न्यूज ने आज शहर की पड़ताल की तो कई अव्यस्थाओं की पोल खुली। शहर में अलाव की भारी कमी देखने को मिला। अलाव न जलने से बस स्टेशन, जिला अस्पताल सहित अन्य जगहों पर लोग ठंड से बेहाल दिखे। नगर पालिका प्रशासन नागरिक सुविधाओं के बड़े दावे करता है लेकिन ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं। 

दलहन, तिलहन व आलू पर पाला का संकट 
ठंड के साथ कोहरा का प्रकोप जारी है। आलू, दलहन, तिलहन, अरहर की खेती पर संकट है। यही असर प्याज के बेहन पर दिख रहा है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने डाइनामाइट न्यूज को बताया कि पाले से बचाव के लिए दलहन, तिलहन और आलू, प्याज की बहन पर बाबस्टीन, डाईथेम 45, मैकोजब 75 प्रतिशत दवा का छिड़काव करें। इससे पाले का प्रकोप कम हो जाएगी। 

गेहूं की फसल को संजीवनी बनीं ओंस 
गेहूं की फसल के लिए ओस की बूंद संजीवनी बन गई है। पानी के बूंद की तरह टपक रहे कोहरे से गेहूं के पौधों का तेजी से विकास हो रहा है। उनके कल्ले अधिक निकल रहे हैं। खेत गेहूं के पौधों भर गए हैं। कृषि जानकारों की माने  तो बढ़िया गेहूं की फसल के लिए ऐसे तापमान रहने की जरूरत है। 

और बढे़गा ठंड और गलन 
कृषि वैज्ञानिक डां, विजय चन्द्रा ने डाइनामाइट न्यूज़  को बताया कि ठंड का प्रकोप अभी आगे भी जारी रहने की संभावना है। मौसम का मिजाज हर दिन बदल रहा है। गलन भी बढ़ गई है। हवाएं भी अपने रौ में हैं। ऐसे में ठंड कम होगी, कह सकना मुश्किल है। पारा दिन प्रति.दिन लुढक रहा है।

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