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कोल्हुई में नील गाय का आतंक जारी, अब तक 4 लोग गंभीर रूप से हुए घायल, वन विभाग ने मूंदी आंखें

महराजगंज जनपद के कोल्हुई थाना क्षेत्र में इस समय नील गाय का आतंक जारी है। अब तक चार लोग इसके हमले में गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। फिर भी अब तक वन विभाग की टीम ने इसे संज्ञान में नहीं लिया है। पढें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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कोल्हुई में नील गाय का आतंक जारी, अब तक 4 लोग गंभीर रूप से हुए घायल, वन विभाग ने मूंदी आंखें

कोल्हुई (महराजगंज): जनपद में नीलगाय का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। कोल्हुई थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बांधा में बुधवार को नील गाय के हमले में एक महिला बुरी तरह जख्मी हो गई।

इससे पूर्व मंगलवार को सोनचिरैया शिकारगढ के एक युवक को नील गाय ने हमला कर घायल कर दिया था। सोमवार को शिकारगढ मंदिर के पास स्थित पोखरे पर भी नील गाय ने एक व्यक्ति एक हमला किया। मौके पर मौजूद गांव वालों ने लाठी डंडे से नील गाय को भगाया तब जाकर इसकी जान बच सकी।

तीन दिनों में करीब चार ऐसी घटनाएं होने के बाद भी वन विभाग की टीम ने कोई एक्शन नहीं लिया है। स्कूली बच्चों के साथ ही महिलाएं, बुजुर्गों में नील गाय का आतंक बना हुआ है। 

आज की घटना
आज बुधवार को ग्राम पंचायत बांधा में स्व. तौलन की पत्नी पर नील गाय ने हमला कर दिया। जिससे वह बुरी तरह जख्मी हो गई। आसपास मौजूद लोगों ने इन्हें घायलावस्था में अस्पताल पहुंचाया। जहां पर इलाज जारी है।  

दूसरी घटना
मंगलवार को सोनचिरैया, शिकारगढ निवासी प्रदीप सक्सेना घर से पूरब आरसीसी रास्ते कहीं जा रहे थे। इसी बीच इन पर नील गाय ने हमला कर दिया। प्रदीप सक्सेना के पैर व कमर में काफी चोट भी आई। गांव वालों के मौके पर पहुंचने से इसकी जान बच सकी। 

पेड़ पर चढ़कर बचाई जान
शिकारगढ निवासी फौजदार यादव मंदिर के पास पोखरे के रास्ते सोमवार को जा रहे थे। इसी बीच अचानक आई नील गाय ने इन पर हमला कर दिया। आनन-फानन में फौजदार अपने बचाव के लिए पेड़ पर चढ़ गए। इनके चिल्लाने पर गांव वाले लाठी डंडे लेकर आए। और नील गाय को भगाए, तब जाकर इनकी जान बची। बताया जा रहा है कि इससे पूर्व एक महिला पर भी नील गाय हमला कर चुकी है।

दहशत का माहौल
कोल्हुई थाना क्षेत्र के पास हुई नील गाय के हमले की घटनाओं से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। स्कूली बच्चों को अभिभावक खुद स्कूल लेकर जा रहे हैं। महिलाएं व बुजुर्ग हाथ में लाठी डंडा लेकर समूह में निकलने को मजबूर हैं। 

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