कांग्रेस बोली- उदयपुर चिंतन शिविर में पार्टी नहीं दोहराएगी ये पुरानी गलती, जानिये कांग्रेस की ये रणनीति

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस नेताओं का मानना है कि शिमला और पंचमढ़ी के शिविरों के संकल्पों को वह मूर्तरूप देने में बहुत सफल नहीं रही है और अब उदयपुर चिंतन शिविर के बाद पार्टी यह गलती नहीं दोहराएगी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

उदयपुर में होगा कांग्रेस का चिंतन शिविर (फाइल फोटो)
उदयपुर में होगा कांग्रेस का चिंतन शिविर (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: कांग्रेस नेताओं का मानना है कि शिमला और पंचमढ़ी के शिविरों के संकल्पों को वह मूर्तरूप देने में बहुत सफल नहीं रही है और अब उदयपुर चिंतन शिविर के बाद पार्टी यह गलती नहीं दोहराएगी।

कांग्रेस सूत्रों ने कहा है कि उदयपुर चिंतन शिविर पार्टी के लिए ऐतिहासिक साबित होने वाला है और इस चिंतन शिविर के बाद पार्टी नये जोश के साथ आने वाले चुनावों और खासकर 2024 के आम चुनाव के लिए तैयार होगी। उनका कहना था कि इस चिंतन शिविर के माध्यम से पार्टी में सामूहिक फैसलों को लागू करने पर जोर देने के साथ ही इसको मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि उदयपुर में जो प्रस्ताव पारित किये जाएंगे उनको अगले दिन यानी शिविर समाप्त होने के बाद 16 मई से ही लागू करने की रणनीति तय हो जाएगी। शिविर में जो भी प्रस्ताव पार्टी को मजबूत करने के लिए आएंगे उनको क्रमबद्ध और समयबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा। उनका कहना था कि इस शिविर में हुए चिंतन को लागू करने के साथ ही पार्टी संगठन को मजबूत बनाने की चुनौतियों पर काम करेगी।

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कांग्रेस नेता ने कहा कि पंचमढ़ी शिविर का स्पष्ट संकेत था कि गठबंधन की राजनीति नहीं करनी है लेकिन उसके बाद भी बदली परिस्थितियों के अनुसार गठबंधन हुए। उनका कहना था कि कई राज्यों में गठबंधन बहुत अच्छा है लेकिन कई राज्यों में यह बिल्कुल ठीक नहीं है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तथा द्रविड मुन्नेत्र कषगम उसके गठबंधन के लम्बे के साथी हैं और उनके साथ आज भी पार्टी का गठबंधन है। उनका कहना था कि गठबंधन को लेकर इस बात पर ध्यान देना है कि आंख बंद करके गठबंधन नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मार्च में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बात पर चिंता जाहिर की थी कि अंदर की बात बहुत बाहर चली जाती है और इस पर रोक लगाने की आवश्यकता है। उनका कहना था कि श्रीमती गांधी वाकई इस बात से बहुत खफा नजर आई कि अंदर जो बातें होती हैं वह तत्काल बाहर चली जाती है। कांग्रेस नेता ने कहा “हम जो भी बात बंद कमरे में करते हैं वह बाहर चली जाती है।

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कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन संबंधी एक सवाल पर उन्होंने कहा कि शिविर में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी क्योंकि खुद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नहीं चाहते हैं कि संगठन में चल रही चुनाव प्रक्रिया के बीच यह बात उठाई जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा चिंतन शिविर में पार्टी के करीब करीब सभी प्रमुख नेता एक बात फिर श्री गांधी से पार्टी की बागडार संभालने का अनुरोध करेंगे। (वार्ता)










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