Site icon Hindi Dynamite News

महराजगंज: जानलेवा टेंपो हादसे के लिये जिम्मेदार कौन, क्या डीएम-एसपी करेंगे दोषियों पर कार्यवाही?

महराजगंज-फरेंदा मुख्य मार्ग पर सदर कोतवाली थाना क्षेत्र में सोमवार को हुए हृदयविदारक सड़क हादसे के बाद लोग एक दूसरे से पूछ रहे हैं कि आखिर इस घटना के लिये कौन जिम्मेदार है? डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
महराजगंज: जानलेवा टेंपो हादसे के लिये जिम्मेदार कौन, क्या डीएम-एसपी करेंगे दोषियों पर कार्यवाही?

महराजगंज: सदर कोतवाली थाना क्षेत्र के सिसवा अमहवा गांव (महराजगंज-फरेंदा मुख्य मार्ग) पर सोमवार दोपहर को हुए दिल दहलाने वाले सड़क हादसे के दर्द से जिले की जनता अब भी कराह रही है। सभी एक-दूसरे से पूछ रहे है कि जो लोग इस हादसे में अकाल मौत के मुंह में समाये.. उसके लिये आखिरकार कौन जिम्मेदार है? जान-माल का भारी और अपूरणीय नुकसान करने वाली इस दुर्घटना के लिये किसे कसूरवार ठहराया जाए? आखिर क्यों प्रशासन अभी तक खामोश है?

यह भी पढें: महराजगंज: ट्रक-टेम्पो की भीषण भिड़ंत में चार लोगों की मौत, 11 गंभीर घायल, मचा कोहराम 

 

 

यह भी पढ़ें: महराजगंज: टेंपो हादसे में मृतकों और घायलों के नाम डाइनामाइट न्यूज पर 

इस हादसे के बाद जिलाधिकारी अमर नाथ उपाध्याय और एसपी आरपी सिंह घायलों का हाल-चाल जानने और और उन्हें समुचित इलाज उपलब्ध कराने के लिये खुद काफी देर तक अस्पताल में मौजूद रहे। जिले के इन दो सबसे बड़े अफसरों की मौजूदगी की हर कोई तारीफ कर रहा है, पर यह भी सवाल पूछ रहा है कि क्या हादसे के लिये कसूरवार लोगों के खिलाफ कोई कार्यवाही होगी?

 

 

यह भी पढें: महराजगंज: टेंपो हादसे में घायल सभी लोग बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर 

इस हादसे में चार लोगों के अकाल मौत के मुंह में समा जाने के बाद भी परिवहन और पुलिस विभाग समेत एआरटीओ व ट्रैफिक इंस्पेक्टर की उदासीनता सवालों के घेरे में है। जनता का भी मानना है कि संबंधित महकमें और उससे जुड़े जिम्मेदार लोग जिले में विधिवत तरीके से यातायात संचालन में फेल होते दिख रहे है।

 

सोमवार को हुए जिस हादसे के बाद जिले के 11 लोगों अब भी जीवन और मौत से जूझ रहे हैं, उस हादसे की पीछे का सबसे बड़ा कारण ओवरलोडिंग और ओवर स्पीडिंग था। आश्चर्यजनक बात यह है कि इस दृदय विदारक हादसे को हुए अभी 24 घंटे भी नहीं बीते, लेकिन शहर भर में चलने वाले टेंपूओं में अवैध तरीके से होने वाला ओवरलोडिंग का खेल बदस्तूर जारी है।

 

पैसे कमाने के चक्कर में टेंपो-ऑटो चालक अपने वाहनों में अनुमत्य सीमा से अधिक सवारियों को बैठाकर लाचार जनता का जीवन जोखिम में डालने का काम कर रहे हैं। इसके ऊपर सबसे ज्यादा हास्यास्पद बात है कि यह सब कुछ परिवहन और पुलिस विभाग की आंखों के सामने हो रहा है। कुछ लोगों का मानना है कि यह सब कुछ रिश्वतखोरी के बूते होता है और मोटी कमाई के चक्कर में टेंपो संचालकों पर विभाग भी हाथ डालने से कतराता है।

सोमवार को हुए हादसे के बाद से एआरटीओ रामचंद्र भारती और ट्रैफिक इंस्पेक्टर बड़जोड़ सिंह के कार्यो पर भी बड़े सवाल उठाये जा रहे है। लोगों का मानना है कि टेंपो संचालकों की मनमानी के खिलाफ यदि विभाग सख्त रहता तो इतनी बड़ी जान-माल की हानि नहीं होती। सोमवार को हादसे का शिकार बने टेंपो में 15 सवारियों  को भूसे की तरह जबरन ठूस-ठूस कर भरा गया था, जो कानूनी तौर पर अवैध और अनुमत्य क्षमता से कई ज्यादा है।  

 

कुछ टेंपो चालकों और प्रत्यक्षदर्शियों ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में स्वीकार किया कि जब एआरटीओ या टीआई कभी-कभार चेकिंग के दौरान इस तरह के ओवरलोडिंग सवारी वाहनों को पकड़ते है तो अगले ही पल मोटी रकम लेकर उन्हें छोड़ भी देते हैं। इस रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार की जानकारी नीचे से लेकर ऊपर तक सभी को होती है, लेकिन मोटी कमाई के चक्कर में दोनों ही पार्टियां (विभाग और वाहन संचालक) खामोश रहती है। ओवरलोडिंग के जरिये होने वाली मोटी कमाई के इस अवैध खेल में भले ही सब ‘सुरक्षित’ हों, पर जोखिम में हमेशा पैसेंजर की ही जान होती है। 
 

Exit mobile version