नई दिल्लीः हिन्दी पंचांग के अनुसार, हर वर्ष भाद्रपद या भादो मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज का पर्व मनाया जाता है। ये व्रत विवाहित महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस साल कजरी तीज 6 अगस्त, गुरूवार के दिन मनाई जाएगी। कई जगहों पर इसे बूढ़ी तीज या सातूड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है। खासतौर पर ये त्योहार उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार में मनाया जाता है। जानिए क्या पूजा करने का शुभ मुहूर्त।
तृतीया आरम्भ- 5 अगस्त को रात 10 बजकर 52 मिनट से
तृतीया समाप्त- 7 अगस्त को रात 12 बजकर 16 मिनट पर
कजरी तीज रक्षाबंधन यानी कि श्रावण पूर्णिमा के तीसरे दिन पड़ता है। कजरी तीज के दिन सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना से निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। इस दिन संयुक्त रूप से भगवान शिव और पार्वती की उपासना करनी चाहिए। इससे कुंवारी कन्याओं को अच्छा वर प्राप्त होता है और सुहागिनों को सदा सौभाग्यवती होने का वरदान मिलता है।

