Site icon Hindi Dynamite News

जानिये न्याय प्रदान करने की व्यवस्था को लेकर न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने क्या कहा

उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने कहा है कि मुकदमों की लगातार बढ़ती संख्या और विवादों की जटिलताओं के कारण भारत में अदालतों की न्याय प्रदान करने की व्यवस्था पर अत्यधिक बोझ पड़ा है तथा अतिरिक्त तंत्र के साथ मौजूदा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बदलाव की जरूरत है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
जानिये न्याय प्रदान करने की व्यवस्था को लेकर न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने क्या कहा

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने कहा है कि मुकदमों की लगातार बढ़ती संख्या और विवादों की जटिलताओं के कारण भारत में अदालतों की न्याय प्रदान करने की व्यवस्था पर अत्यधिक बोझ पड़ा है तथा अतिरिक्त तंत्र के साथ मौजूदा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बदलाव की जरूरत है।

हमदर्द इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च के शिलान्यास समारोह और कॉनकॉर्डिया: नेशनल एडीआर फेस्ट-2023 के उद्घाटन समारोह में न्यायमूर्ति कोहली ने कहा कि न्यायाधीश-जनसंख्या का असंतुलित अनुपात, बड़ी संख्या में रिक्तियां, ज्यादा संख्या में मामलों का आना, अपने अधिकारों के बारे में नागरिक जागरूकता में वृद्धि और नए कानूनों का अधिनियमन इस तरह के बने हालात में योगदान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘न्याय प्रदान करने की व्यवस्था पारंपरिक रूप से प्रकृति में प्रतिकूल रही है। मुकदमों की बढ़ती संख्या और विवादों की जटिलताओं के परिणामस्वरूप ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें भारत में अदालतों की न्यायिक प्रक्रिया अत्यधिक बोझिल हो गई है।’’

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हमारी न्याय प्रदान करने की प्रणाली में वर्तमान अदालत प्रणाली को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त तंत्र की व्यवस्था के साथ बदलाव की जरूरत है।’’

न्यायमूर्ति कोहली ने कहा कि न्याय प्रदान करने के लिए औपचारिक सहायक प्रणालियां हमेशा मौजूद रहेंगी, हालांकि जटिल कानूनी मुद्दों से जुड़े कुछ मामलों को केवल अदालती फैसले के माध्यम से हल किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कई अन्य विवादों को बिना न्यायालय प्रणाली पर बोझ डाले वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) के माध्यम से हल किया जा सकता है। यही कारण है कि पिछले एक दशक में दृष्टिकोण में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ है।’’

न्यायमूर्ति कोहली ने कहा कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम का मुख्य उद्देश्य अदालतों के कम हस्तक्षेप के साथ त्वरित विवाद समाधान के लिए एडीआर पद्धति को प्रोत्साहित करना है।

Exit mobile version