वसंत पंचमी 2020: जानिए आखिर कैसे हुआ था मां सरस्वती का जन्म, भगवान ब्रह्मा ने कैसे की रचना?

रानी टिबड़ेवाल

माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की उपासना की जाती है। इसी उपासना के पर्व को वसंत पंचमी कहते हैं। डाइनामाइट न्यूज़ पर जानिए कैसे इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था...

वसंत पंचमी पर पूजा करती हुई लड़की(फाइल फोटो)
वसंत पंचमी पर पूजा करती हुई लड़की(फाइल फोटो)


नई दिल्लीः नववर्ष 2020 के पहले माह जनवरी का अंतिम सप्ताह प्रारंभ हो गया है। माघ मास का शुक्ल पक्ष भी प्रारंभ हो चुका है। इस पक्ष में ही विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है, जो वसंत पंचमी के दिन होता है। आज हम आपको बता रहे हैं कैसे इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था।

वसंत पंचमी के दिन महिलाएं पहनती हैं पीले वस्त्र

हिंदु पौराणिक कथाओं में प्रचलित एक कथा के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने संसार की रचना की। उन्होंने पेड़-पौधे, जीव-जन्तु और मनुष्य बनाए, लेकिन उन्हें लगा कि उनकी रचना में कुछ कमी रह गई। इसीलिए ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल छिड़का, जिससे चार हाथों वाली एक सुंदर स्त्री प्रकट हुई। उस स्त्री के एक हाथ में वीणा, दूसरे में पुस्तक, तीसरे में माला और चौथा हाथ वर मुद्रा में था।

मां सरस्वती(फाइल फोटो)

ब्रह्मा जी ने इस सुंदर देवी से वीणा बजाने को कहा। जैसे वीणा बजी ब्रह्मा जी की बनाई हर चीज़ में स्वर आ गया। तभी ब्रह्मा जी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती नाम दिया। वह दिन वसंत पंचमी का था। इसी वजह से हर साल वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती का जन्मदिन मनाया जाने लगा और उनकी पूजा की जाने लगी। ऐसे वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ और वसंत पंचमी का त्योहार मनाने जाने लगा।










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