लुका-छिपी के खेल के बाद जितेन्द्र यादव हत्याकांड में FIR पर से उठा पर्दा, ये लोग बने मुजरिम
महिला जिला पंचायत सदस्य के पुत्र हत्याकांड में एफआईआर दर्ज हो गयी है। परिजनों द्वारा हत्या में सत्तारुढ़ दल के एक विधायक के शामिल होने के आरोप के बाद पूरा मामला चर्चा का केन्द्र में आ गया है। पहले दी गयी तहरीर के उलट अब दर्ज हुई एफआईआर में चार नामज़द और दो अज्ञात पर हत्या का केस दर्ज किया गया है। उधर विधायक ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में कहा कि इस मामले से उनका दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं हैं। पूरी खबर:
महराजगंज: कल फरेन्दा थाना क्षेत्र में वार्ड नंबर 28 की जिला पंचायत सदस्य अमरावती देवी के पुत्र जितेन्द्र यादव को अज्ञात बदमाशों ने गोलियों से भून डाला था। मामले में फरेन्दा कोतवाली में मुकदमा अपराध संख्या 395/2019 धारा 302, 307, 147, 148 व 34 आईपीसी में केस दर्ज किया गया है। मृतक की पत्नी बबिता यादव की ओर से दी गयी तहरीर में रामवृक्ष, महावीर, दीनानाथ और रामकेश को मुजरिम बनाया गया है। इनके अलावा दो अन्य अज्ञात पर भी केस दर्ज किया गया है।
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चर्चा है कि दबाव में तहरीर बदली गयी है। हालांकि परिजनों का कहना है कि उन्होंने दूसरी तहरीर दी ही नहीं है, पुलिस ने फर्जी तहरीर पर अपने हिसाब से नाम लिख केस दर्ज किया है। जिस पर उन्हें गहरी आपत्ति है। इनका कहना है कि पुलिस दबाव में प्रभावशाली लोगों को बचाने का खेल कर रही है। इसके पहले कुल सात लोगों के नाम से तहरीर दी गयी थी। मृतक की मां और पत्नी के द्वारा इस हत्या में खुले तौर पर स्थानीय भाजपा विधायक बजरंग बहादुर सिंह का नाम लिये जाने से सनसनी मच गयी है। पुलिस पर भारी दबाव है।
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एसपी रोहित सिंह सजवान ने डाइनामाइट न्यूज़ को दिये अपने बयान में दावा किया है कि पुलिस पूरी तरह निष्पक्ष काम करेगी। इधर देर रात डाइनामाइट न्यूज़ पर आकर विधायक बजरंगी सिंह ने साफ कहा कि किसी भी स्तर की जांच करा ली जाय, उनका इस मामले से दूर-दूर तक कोई भी लेना-देना नहीं है।